अभी बालू खनन पर रहेगी रोक, काम पर पड़ेगा असर, कालाबाजारी का संदेह
पटना [जेएनएन]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बिहार में तीन महीने तक नदियों से बालू के खनन पर रो
पटना [जेएनएन]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बिहार में तीन महीने तक नदियों से बालू के खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसके बाद स्टॉक के बालू से ही काम चलाया जाएगा। इस निर्देश के बाद जहां बालू का खनन बंद हो जाएगा वहीं योजनाओं के तहत हो रहे कामों पर भी असर पड़ेगा। गौर हो कि अभी राजधानी पटना समेत कई जिलों में सरकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है। मसलन अभी पटना में ही सरकारी योजनाओं के तहत कई मोहल्लों में नाला और सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में आदेश मिलने के बाद काम पर असर पड़ना स्वाभाविक है।
गौर हो कि हर साल की तरह इस साल भी प्रदेश की नदियों से बालू खनन एक जुलाई से तीन महीने के लिए बंद हो जाएगा। आम लोगों को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों को बालू भंडारण कर एक जुलाई तक इसकी जानकारी मागी है।
खान एवं भूतत्व विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बंदोबस्तधारियों को दी गई निविदा की शतरें के अनुसार बालू का भंडारण नदी तट से 300 फीट तक की दूरी तक किया जा सकता है। इसके लिए किसी अनुज्ञप्ति की आवश्यकता नहीं है। विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों से 30 जून तक निश्चित रूप से बालू का भंडारण करने का निर्देश दिया है।
ब्रॉडसन कमोडिटिज प्रालि, आदित्य मल्टीकॉम प्रालि, जय माता दी इंटरप्राइजेज, वेस्टलिंक ट्रेडिंग प्रालि, मोर मुकुट प्रालि, बंशीधर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, महादेव इंक्लेव प्रालि, सिंह एंड गिरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., कुंदन कुमार मधेपुरा जिला, मो. इजरायल किशनगंज जिला, चंदन कुमार सहरसा जिला, उमेश कुमार मुजफ्फरपुर जिला, मो मसीहा, चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी, कात्यायनी काट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड।
खान एवं भूतत्व विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ संचालित बालू घाटों में शिया की विभिन्न शतरें के साथ बालू का खनन और उनकी बिक्री की जाती है। बालू का इस समय फ्री सेल हो रहा है। इसकी दर माग और आपूर्ति पर निर्भर है। हालाकि, विभागीय अधिकारी कालाबाजारी और अवैध खनन पर नजर रखेंगे। इसके लिए ड्रोन से बालू घाटों की निगरानी होगी। इसके बाद सैटेलाइट से भी बालू घाटों पर नजर रखने की योजना बनी है। इसकी टेंडर प्रक्त्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल 29 जिलों के बालू घाटों की बंदोबस्ती की जाती है। इनमें से पूर्णिया और गोपालगंज की बंदोबस्ती नहीं हुई है। इन 27 जिलों में निगम द्वारा संचालित बफर स्टॉक की जरूरत नहीं है। ऐसे में 11 जिलों में निगम बफर स्टॉक बनाकर उसमें बालू भंडारण की व्यवस्था करेगा। इसका मकसद लोगों को बालू उपलब्ध करवाना है।