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बिहारः कोरोना काल में सुरक्षा के लिए अब बीमा उत्पादों का ले रहे सहारा, टर्म इंश्योरेंस अधिक लोकप्रिय

कोरोना काल ने कमोबेश सभी सेक्टरों को प्रभावित किया है। इससे कहीं नुकसान पहुंचा है तो कहीं फायदा भी हुआ है। लोगों की सोच में भी बदलाव हुआ है। कोरोना काल में खासतौर से वित्तीय सुरक्षा को लेकर लोग ज्यादा सतर्क हुए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 05:09 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 05:09 PM (IST)
बिहारः कोरोना काल में सुरक्षा के लिए अब बीमा उत्पादों का ले रहे सहारा, टर्म इंश्योरेंस अधिक लोकप्रिय
कोरोना काल में वित्तीय सुरक्षा को लेकर लोग ज्यादा सतर्क हुए हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : कोरोना काल ने कमोबेश सभी सेक्टरों को प्रभावित किया है। इससे कहीं नुकसान पहुंचा है तो कहीं फायदा भी हुआ है। लोगों की सोच में भी बदलाव हुआ है। कोरोना काल में खासतौर से वित्तीय सुरक्षा को लेकर लोग ज्यादा सतर्क हुए हैं। साथ ही वे बीमा उत्पादों को सुरक्षा कवच के रूप में देख रहे हैं। पिछले एक साल में करीब 21 फीसद बीमा उत्पादों की मांग बढ़ी है।

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टर्म इंश्योरेंस अधिक लोकप्रिय

भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से पटना प्रक्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 में करीब 6000 हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की बिक्री हुई। यह वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में करीब 21 फीसद अधिक है। पिछले साल 4900 से कुछ कम पॉलिसी बिकी थीं। भारतीय जीवन बीमा निगम के पटना डिविजन-2 के हेल्थ इंश्योरेंस मैनेजर संजय कुमार पाल ने कहा कि सिर्फ मेरे डिविजन में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में करीब 20 फीसद की ग्रोथ देखने को मिल रही है। अधिकारियों का कहना है कि टर्म इंश्योरेंस अधिक लोकप्रिय नहीं है। 300 से 400 लोग ही इस अवधि में टर्म इंश्योरेंस लिए होंगे। 

50 की जगह 70 नए लोग पॉलिसी ले रहे

खास बात यह है कि कोरोना काल में सावधि योजना और पेंशन स्कीम में भी लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। एलआइसी के अभिकर्ता हरेंद्र तिवारी ने कहा, कोरोना काल में लोग वित्तीय सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क हुए हैं। स्वास्थ बीमा योजना, सावधि योजना और पेंशन योजना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। कोरोना काल से पूर्व मैं साल में लगभग 50 नए ग्राहकों का बीमा करता था, लेकिन कोरोना काल शुरू होने के बाद करीब 70 नए लोग पॉलिसी ले रहे हैं। खास बदलाव यह कि पहले बीमा के लिए ग्राहकों को बहुत समझाना पड़ता था, कई बार उनके घर जाना पड़ता था। पर, अब ग्राहक मामूली आग्रह पर भी पॉलिसी ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि टर्म इंश्योरेंस में मामूली वृद्धि हुई है। टर्म इंश्योरेंस की दिक्कत यह है कि इसमें मृत्यु की स्थिति में ही लाभ मिलता है। तीन से चार फीसद लोग ही इसे लेते थे और अब भी पांच-छह फीसद लोग ले रहे हैं।


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