Move to Jagran APP

अब लोजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष की कुर्सी पर घमासान, पशुपति पारस ने चल दिया दांव, 17 जून को दिल्‍ली में बैठक

संसद में चिराग को अकेला करने के बाद लोजपा के संसदीय दल के नेता पशुपति पारस ने 17 जून को दिल्ली में राष्टीय कार्यकारिणी की बैठक बुलायी है। इसमें राष्‍ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। आज वे पटना पहुंचे हैं। अहम बैठक है। पारस ने दावा किया- उनके साथ बहुमत है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 11:08 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 02:28 PM (IST)
अब लोजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष की कुर्सी पर घमासान, पशुपति पारस ने चल दिया दांव, 17 जून को दिल्‍ली में बैठक
बीच में लोजपा का चुनाव चिन्‍ह, दाएं पशुपति पारस और बाएं चिराग पासवान की तस्‍वीर ।

पटना, राज्‍य ब्‍यूरो। चिराग पासवान को चाचा पशुपति पारस झटके पर झटका दे रहे हैं। पार्टी में घामासान चरम पर है। अब लोजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष की कुर्सी के लिए पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच खींचतान शुरू हाे गई है। लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता बनने के बाद पशुपति कुमार पारस आज मंगलवार को पटना पहुंचे हैं। यहां उनकी अहम बैठक है। माना जा रहा है कि वे प्रदेश के लोजपा नेताओं से भी समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे। राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍यों से संपर्क साधा जा रहा है। उन्‍होंने 17 जून को दिल्ली में राष्टीय कार्यकारिणी की बैठक बुलायी है। इसमें राष्‍ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। पारस ने दावा किया कि पार्टी में उनके साथ बहुमत है। सभी पांच सांसद के अलावा अन्य तमाम नेता और कार्यकर्ता हमारे साथ हैं। चुनाव आयोग से भी हम मुलाकात करेंगे और पार्टी के अध्यक्ष की हैसियत से कार्यकारिणी की नई सूची सौंपेंगे।

loksabha election banner

चिराग से चाचा पशुपति ने मिलने से भी किया इंकार

चिराग पासवान ने चाचा पारस को मनाने की कोशिश की । लोजपा में छह में से पांच सांसदों के विद्रोह के बाद उन्‍होंने डैमेज कंट्रोल के तहत मां रीना पासवान को लोजपा का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाने का प्रस्‍ताव दिया था। मगर उनकी कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है।  लोकसभा में संसदीय दल के नेता पद गंवाने के बाद वह लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को इस शर्त के साथ छोडऩे के लिए तैयार हैैं कि उनके बदले उनकी मां रीना पासवान को पार्टी की कमान सौंप दी जाए। इसी सिलसिले में चिराग ने सोमवार को बागी सांसदों का नेतृत्व कर रहे अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से भी मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। पारस ने उनसे मिलना जरूरी नहीं समझा। दिल्ली स्थित पारस के आवास के अंदर दाखिल होने के लिए भी चिराग को करीब 35 मिनट दरवाजे पर इंतजार करना पड़ा। उसके बाद दरवाजा तो खुला, लेकिन घंटे भर इंतजार के बाद भी चाचा से चिराग की मुलाकात नहीं हो पाई। मान-मनव्वल का दौर अभी जारी है। रीना पासवान भी प्रिंस राज एवं परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत कर रही हैैं, लेकिन कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है।

 बागियों में शामिल चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज ने चिराग के चाचा और हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस को चिराग पासवान के बदले संसदीय दल का नेता पहले ही घोषित कर दिया था, जिसे बाद में लोकसभा अध्‍यक्ष ने मान लिया।

चिराग ने साधी चुप्पी : लोजपा में बैकफुट पर खड़े चिराग पासवान ने चुप्पी साध रखी है। उनसे फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बात करने से इन्कार कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.