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बिहार की सियासत को पतवार देने के लिए फिर डोलने लगा है मांझी का मन, जानिए

बिहार की सियासत में हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी की अहम भूमिका रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मांझी का मन फिर से डोलने लगा है। जानिए...

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 10:03 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 11:17 PM (IST)
बिहार की सियासत को पतवार देने के लिए फिर डोलने लगा है मांझी का मन, जानिए
बिहार की सियासत को पतवार देने के लिए फिर डोलने लगा है मांझी का मन, जानिए

पटना, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनावों में तीन सीटों पर लड़कर बुरी तरह से पराजित रहने वाले हम (से) प्रमुख जीतन राम मांझी का मन एक बार फिर डोलने लगा है। पराजय ने मांझी के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर दिया है। इससे निजात को वे नए सिरे से मुस्तैद होते नजर आने लगे हैं। 

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रविवार को जीतन राम मांझी जनता दल यू की ओर से हज भवन में आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शरीक होने जा पहुंचे। भले ही मांझी के इस कदम को राजनीतिक शिष्टाचार माना जाए, लेकिन उनके इस कदम के साथ ही राजनीतिक विश्लेषक उनकी अगली चाल को लेकर कयास लगाने लगे हैं।

इन कयासों को तब और बल मिलता नजर आया जब सोमवार को उन्होंने पार्टी की ओर से अपने आवास पर इफ्तार की दावत दी और उसमें महागठबंधन के तमाम सहयोगियों के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निमंत्रण दिया। 

मांझी के बुलावे को नीतीश कुमार ने स्वीकार किया और मांझी के आवास पर आयोजित दावत में पहुंच गए। यहां उन्होंने मांझी को गले लगाया। बाद में मांझी ने यह कहकर लोगों को चौंका दिया कि नीतीश कुमार से उन्हें कोई शिकायत नहीं। उस वक्त की राजनीतिक परिस्थिति में जो निर्णय हुए उन्हें याद रखने का कोई मतलब नहीं। उस बात को चार वर्ष बीत गए। इतने दिनों तक कहां कोई बात को पकड़ कर रखता है।

मांझी को जानने वाले उनके कुछ खास पुराने राजनीति मित्र मानते हैं कि मांझी पराजय के साथ ही पलायन कर जाते हैं। पहले जदयू इसके बाद एनडीए से अलग होने के बाद चार वर्ष में वे अपनी अलग राजनीतिक हस्ती नहीं बना सके हैं।

2015 के विधान चुनाव में 21 सीटों पर लड़कर महज एक सीट जीत सके और 2019 के लोकसभा चुनाव में तो गठबंधन से मिली तीन सीटों में से एक भी सीट पर जीत के करीब नहीं पहुंच सके। यहां तक की मांझी खुद अपना चुनाव तक हार गए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मांझी का अगला कदम क्या होता है?

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