अब कैंटीन घोटाला, सात दिन में ही डेढ़ लाख के पकौड़े खा गई लालकेश्वर की टीम
रिजल्ट घोटाला सामने आने के बाद गिरफ्तार बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के कार्यकाल में महज सात दिनों में कैंटीन खर्च लगभग डेढ़ लाख रुपये आने की बात सामने आई है। इसकी जांच होगी।
पटना [वेब डेस्क ]। रिजल्ट घोटाले की जांच के क्रम में नित नए खुलासे के बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में कैंटीन के बेतहाशा खर्चे का मामला पकड़ में आया है। पता चला है कि बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के कार्यकाल में सात दिनों में ही केवल नाश्ते पर एक लाख चौंतीस हजार रुपये खर्च हो गए। इस जानकारी ने बोर्ड की गतिविधियों की नए सिरे से जांच की उम्मीद बढ़ा दी है।
जानकार सूत्र बताते हैं कि 23 मई से 31 मई तक की अवधि में ही पनीर पकौड़ा, रसगुल्ला, नमकीन आदि पर कुल एक लाख 34 हजार रुपये खर्च किए गए। इन बिलों का भुगतान भी आनन फानन में किया गया। बताया गया है कि बिल बिहार बोर्ड के सचिव हरिहरनाथ झा के नाम से जारी थे जिनका भुगतान हो गया है।
बताया गया है कि कर्मचारियों में भी इस बात की भनक नहीं थी कि उन्हें चाय के साथ बिस्किट भी मयस्सर नहीं होती और बिल पनीर पकौड़े और रसगुल्ले का बन रहा है। कहा जा रहा है कि कई कर्मियों ने साफ कहा है कि कार्यालय में कभी पनीर पकॉड़ा आते नहीं देखा। इससे साफ है कि गलत बिल और इनके भुगतान के जरिए बिहार बोर्ड को भी चूना लगाया जा रहा था।
कैंटीन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लालकेश्वर प्रसाद और हरिहरनाथ झा के कार्यकाल में अक्सर भारी भरकम बिलों का भुगतान होता था। बोर्ड सू्त्रों ने बताया है कि मामला सामने आने के बाद अब कैंटीन खर्च के भुगतान की भी जांच होगी।