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बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में आक्रामक विपक्ष का सामना करेगी नीतीश सरकार, एजेंडा तैयार

मानसून में विपक्ष की बड़े हंगामें की तैयारी है। विधायक दल की औपचारिक बैठक नहीं हुई है। इसका एजेंडा तैयार कर लिया गया है। विपक्ष अपने एजेंडे पर कायम रहा तो हर दिन नए विषय पर सरकार को घेरने की कोशिश होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 05:19 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 05:19 PM (IST)
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में आक्रामक विपक्ष का सामना करेगी नीतीश सरकार, एजेंडा तैयार
बिहार के मुख्यंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: विधानमंडल के छोटे मानसून में विपक्ष की बड़े हंगामें की तैयारी है। विधायक दल की औपचारिक बैठक नहीं हुई है। इसका एजेंडा तैयार कर लिया गया है। विपक्ष अपने एजेंडे पर कायम रहा तो हर दिन नए विषय पर सरकार को घेरने की कोशिश होगी। जाहिर है, सरकार और उसके सहयोगी भी जवाबी तैयारी में है। मानसून सत्र की शुरुआत 26 जुलाई को हो रही है। कुल पांच बैठकें होंगी। 

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विपक्ष बजट सत्र में विधायकों के साथ हुई कथित मारपीट के सवाल को नए सिरे से उठाएगा। इस मामले में दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है। राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र कहते हैं कि यह लीपापोती है। संपूर्ण विपक्ष कार्रवाई के नाम पर लीपापोती का विरोध करेगा। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का सवाल है। विपक्ष की मांग होगी कि राज्य सरकार पेट्रोल-डीलर पर लागू राज्य के टैक्स को कम करे। कोरोना प्रबंधन में सरकार की तैयारी को विपक्ष नाकाफी मानता है। उसका आरोप है कि कोरोना के नाम पर लिए गए विधायक फंड का सदुपयोग नहीं हो रहा है। विपक्ष इसका हिसाब मांगेगा। विपक्षी दलों में राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और भाकपा माले एक महागठबंधन में हैं। एआइएमआइएम के पांच विधायक अधिसंख्य मामलों में विपक्ष का साथ देते हैं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि कानून-व्यवस्था की खराब हालत भी चिंता का विषय है। विपक्ष इसे भी उठाएगा। कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बाढ़ से हो रही तबाही को उनकी पार्टी प्रमुखता से उठाएगी। विपक्ष के अन्य मुद्दे को कांग्रेस का साथ मिलेगा। 

जातीय जनगणना सबका मुद्दा


विपक्ष जातीय जनगणना से केंद्र के इंकार को बड़ा मुद्दा बनाने जा रहा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सदन के बाहर बता चुके हैं कि जातीय जनगणना से इंकार उचित नहीं है। इस मांग पर जोर देने के लिए राजद सदन के भीतर और बाहर संघर्ष करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष जब केंद्र से जातीय जनगणना की मांग करेगा, सरकारी दलों की क्या प्रतिक्रिया होगी। क्योंकि विधानसभा में दो बार यह मांग सर्वसम्मति से पारित है। भाजपा भी एक समय में इस मांग के पक्ष में थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को जातीय जनगणना को जरूरी बता दिया है। संभव है कि विपक्ष इस मांग पर जोर डालने के लिए एक और सर्वसम्मत प्रस्ताव भेजने की मांग करे। 


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