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Nirbhaya Case: अक्षय से अंतिम मुलाकात नहीं कर पाने का पत्‍नी को मलाल, कोर्ट में किया हाई वोल्‍टेज ड्रामा

Nirbhaya Case निर्भया मामले में दोषी अक्षय ठाकुर को फांसी दे दी गई लेकिन स्‍वजनों की उसकी अंतिम मुलाकात नहीं हो सकी। पत्‍नी पुनीता को इसका मलाल है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 12:52 PM (IST)
Nirbhaya Case: अक्षय से अंतिम मुलाकात नहीं कर पाने का पत्‍नी को मलाल, कोर्ट में किया हाई वोल्‍टेज ड्रामा
Nirbhaya Case: अक्षय से अंतिम मुलाकात नहीं कर पाने का पत्‍नी को मलाल, कोर्ट में किया हाई वोल्‍टेज ड्रामा

पटना, जागरण स्‍पेशल। निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म व हत्‍याकांड मामले में जिन चार दोषियों को शुक्रवार की सुबह फांसी दी गई, उनमें बिहार के औरंगाबाद का मूल निवासी अक्षय ठाकुर भी शामिल था। अक्षय की उसकी पत्‍नी पुनीता व छोटे बेटे से अंतिम मुलाकात गुरुवार को होने वाली थी। लेकिन देर से पहुंंचने के कारण तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। पुनीता ने jagran.com से खास बातचीत में इसकी जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि वह पति से क्‍या बात करने वाली थी। वह पति को निर्दोष मानती है। अब वह शुक्रवार को अक्षय के शव के पोस्‍टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्‍कार संपन्‍न होने पर ही बिहार लौटेगी।

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इसके पहले दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया मामले के दोषियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर तब हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला, जब एक दोषी अक्षय की पत्नी पुनीता खुद अपने व नाबालिग बेटे को भी फांसी देने की मांग करते हुए खुद को सैंडिल से पीटने लगी तथा बेहोश होकर गिर पड़ी। उसने कहा कि समाज उसके निर्दोष पति के पीछे पड़ा है। इसके पहले पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान वह रो-रोकर पति को छोड़ने की गुहार लगाती रही। शुक्रवार को अक्षय को फांसी के बाद उसका बुरा हाल है। उसे फांसी के पहले पति से अंतिम मुलाकात नहीं होने का मलाल है।

विदित हो कि 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्‍ली में एक फिजियोथिपिस्‍ट लड़की निर्भया (काल्‍पनिक नाम) के साथ छह दरिंदों ने सामूहिक दुष्‍कर्म किया था। इस मामले के एक नागलिग दोषी को कुछ साल जेल की सजा के बाद रिहा कर दिया गया। शेष पांच में एक आरोपित राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्‍महत्‍या कर ली। अन्‍य चार दोषियों विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च की सुबह में फांसी दी गई। इस बीच दोषी अक्षय की पत्‍नी पुनीता ने पति के खिलाफ तलाक का मुकदमा दायर कर दिया है। अक्षय से अंतिम मुलाकात में पुनीता तलाक को लेकर भी बात करने वाली थी।

पत्‍नी बोली- किसी ने नहीं सुनी मेरी आवाज

पुनीता ने बताया कि यह फांसी अक्षय को नहीं, उसे दी गई। इस मामले में मीडिया ट्रायल को लेकर नाराजगी प्रकट करते हुए उसने कहा कि सबों ने निर्भया की मां की आवाज सुनी, उसकी किसी ने नहीं सुनी। उसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नारी सुरक्षा की बात करते हैं। वह भी तो एक नारी है। उसके साथ न्‍याय क्‍यों नहीं हो सका? 

पति को तलाक के लिए करना था राजी

पति को फांसी होने के कुछ दिनों पहले ही तलाक का मुकदमा दायर करने वाली पुनीता नहीं मानती कि उसने यह मुकदमा फांसी की सजा रोकने के लिए दायर किया है। लेकिन यह तलाक के मुकदमे के रहते फांसी देने पर सवाल भी उठाती है। उसने बताया कि वह दुष्‍कर्म के सजायाफ्ता की विधवा का जीवन जीना नहीं चाहती। उसकी जिंदगी लंबी है और उसके साथ एक मासूम बच्‍चा भी है। इसलिए वह तलाक चाहती है। वह कहती है कि अंतिम मुलाकात में वह इस बाबत पति से बात कर उसे राजी करना था।

बोली: तलाक के पहले ही दे दी फांसी 

पुनीता के वकील मुकेश कुमार ने बताया कि औरंगाबाद परिवार न्‍यायालय ने कहा है कि सुनवाई के लिए पुनीता को उपस्थित होना पड़ेगा। अगली सुनवाई की 24 मार्च को है, लेकिन इसके पहले शुक्रवार को ही अक्षय को फांसी हाेेे गई। उन्‍होंने कहा कि उनका मकसद तलाक है, न कि फांसी रोकना था। हालांकि, अक्षय की पत्‍नी को इसका मलाल है कि मुकदमे के निष्‍पादन के पहले ही फांसी दी गई।

कहा: घटना के दिन उसके साथ था अक्षय

पुनीता अपने पति अभी भी निर्दोष भी मानती है। कहती है कि घटना के दिन अक्षय ठाकुर उसके साथ घर पर औरंगाबाद में था। उसके अनुसार मामले में इतना मीडिया ट्रायल हुआ कि इसने तूल पकड़ लिया। पुनीता कहती है कि अंतिम मुलाकात में उसे पति को बताना था कि उसकी नजर में वह निर्दोष है।

तिहाड़ जेल में पति से नहीं हुई अ‍ंतिम मुलाकात

पुनीता ने बताया कि तिहाड़ जेल से अंतिम मुलाकात के लिए बुलावा आने पर वह अपने जेठ विनय सिंह तथा झारखंड के डाल्‍टेनगंज में रहने वाले अपने भाई दिनेश्‍वर सिंह के साथ बुधवार की शाम ट्रेन से औरंगाबाद से चलकर गुरुवार को दिल्‍ली पहुंची। पति से मुलाकात के लिए शुक्रवार की शाम में वक्‍त मिला, लेकिन पहुंचने में विलंब हो गया। इस कारण जेल प्रशासन ने अ‍ंतिम मुलाकात की अनुमति नहीं दी।

खास होती है फांसी बंदियों की अंतिम मुलाकात

डेथ वारंट जारी होने के बाद फांसी बंदियों की इच्‍छा के अनुसार को उनकी अंतिम मुलाकात कराने का प्रावधान है। इसमें मिलने वालों की संख्‍या या मुलाकात की अवधि का कोई बंधन नहीं रहता है। अंतिम मुलाकात जेल अधीक्षक के कार्यालय में होती है। अक्षय ठाकुर की अंतिम मुलाकात में विलंब का कारण उसका विलंब से इसकी इच्‍छा जाहिर करना तो मुलाकात का नहीं हो पाना परिवार का देर रात जेल पहुंचना रहा।

दोपहर 12.30 बजे के बाद पूरा होगा पोस्‍टमॉर्टम

अक्षय को फांसी के बाद परिवार उसका अंतिम संस्‍कार कहां व कैसे करेगा, फिलहाल स्‍पष्‍ट नहीं है। दिल्‍ली के दीनदायल अस्‍पताल के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने बताया है कि फांसी के बाद का पोस्‍टमॉर्टम अन्‍य पोस्‍टमॉर्टम से भिन्‍न होता है। यह दोपहर बाद तक पूरा होने की उम्‍मीद है। अक्षय के स्‍वजनों के अनुसार इसके बाद ही अंतिम संस्‍कार को लेकर फैसला हो सकेगा।


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