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टेरर फंडिंग में गिरफ्तार जफर अब्‍बास को लेकर गोपालगंज पहुंंची एनआइए की टीम, की गई छापेमारी

टेरर फंडिंग (Terror Funding) मामले में गिरफ्तार जफर अब्बास को लेकर एनआइए (NIA) की टीम गोपालगंज जिले के पथरा गांव पहुंची। वहां जफर अब्बास के संपर्क में आए उसके साथियों की तलाश में सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी की।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 01:29 PM (IST)
टेरर फंडिंग में गिरफ्तार जफर अब्‍बास को लेकर गोपालगंज पहुंंची एनआइए की टीम, की गई छापेमारी
एनआइए की गिरफ्त में जफर अब्‍बास (बीच में)। फाइल फोटो

गोपालगंज, जागरण संवाददाता। टेरर फंडिंग (Terror Funding) मामले में गिरफ्तार जफर अब्बास को लेकर एनआइए (NIA) की टीम गोपालगंज जिले के पथरा गांव पहुंची। वहां जफर अब्बास के संपर्क में आए उसके साथियों की तलाश में सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी की। हलांकि किसी की गिरफ्तारी होने की सूचना नहीं मिल सकी है। एसपी आनंद कुमार ने भौतिक सत्यापन के लिए एनआइए के पहुंचने की बात कही है। एसपी ने कहा कि जफर अब्बास का आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद एनआइए ने पथरा से उसे गिरफ्तार किया था।पुलिस कप्तान ने बताया कि एनआइए की कार्रवाई के बाद पुलिस हाइअलर्ट मोड में है। पुलिस भी अपने स्तर से संदिग्ध लोगों पर नजर रख रही है। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा (National Secu) से जुड़ा है।

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सात दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था जफर 

बता दें कि मांझा थाना क्षेत्र के पथरा गांव से मरहूम मो. हसमुल्लाह का पुत्र जफर अब्बास को एनआइए ने सात दिसंबर को गिरफ्तार किया था। जफर के पास से कई बैंकों के कागजात, पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज मिले थे। इसकी जांच के बाद एनआइए ने कोलकाता समेत अन्य जगहों पर छापेमारी की थी। जफर अब्बास की निशानदेही पर एनआइए ने छापेमारी के दौरान कोलकाता के रामभवन प्रसाद और चंदन महतो को गिरफ्तार किया था। पुलिस सूत्रों के माने तो जफर सब्बास के बारे में पहले साइबर क्राइम से जुड़े मामले की तफ्तीश की गई।

बाद में एनआइए को पता चला कि पाकिस्तानी आतंकवादियों से उसका कनेक्शन है। टेरर फंडिंग के साक्ष्य हाथ लगने के बाद एनआइए की टीम पथरा गांव पहुंची और जफर को गिरफ्तार किया था।सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के एनआइए थाने में दर्ज कांड संख्या आरसी 30/2021 दिनांक 6.12.21 दर्ज कर छानबीन कर रही है। इसी केस के अनुसंधान के दौरान जफर अब्बास का नाम आया था। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर हैदराबाद, कोलकाता समेत अन्य जगहों पर छापेमारी की गयी।

कश्मीर से तार जुड़ने पर एनआइए की कार्रवाई 

जम्मू के बारामुला के रहने वाले मुनीर अहमद कटारिया कुपवाड़ा के टोंच के रहने वाले अरसीद अहमद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन के लिए काम करता है। बिहार से जफर अब्बास अपने साथियो के साथ सहयोग कर रहा था। अब सुरक्षा एजेंसियां जफर अब्बास के नेटवर्क से जुडे लोगों की तलाश में जुटी है। बैंकों का रिकार्ड भी खंगाला जा रहा जिसमें पाक से राशि मंगाई गई। गलत पता पर कैसे बेंकों में खाता खोलने में जफर सफल रहा, इसे भी खंगाला जा रहा है।

ओवर ग्राउंड वर्कर है जफर अब्बास

ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में जफर अब्बास लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा था। ऐसे लोग आम लोगों की तरह रहकर आतंकियों के लिए काम करते हैं। किसी आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए ये  आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार करते हैं। यह आतंकियों तक सुरक्षाबलों की सूचनाएं पहुंचाने के साथ ही उनके लिए हथियार, पैसा,मानवीय सहायता, नकद, आश्रय और सुविधाएं और सुरक्षित ठिकाने का बंदोबस्त करते हैं। 


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