आर्थिक सर्वेक्षण में बिहार सरकार की नई पहल होगी शामिल, हाई प्रोफाइल बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा
उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में अब सरकार की नई पहल को भी शामिल किया जाएगा। वे आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे।
पटना, राज्य ब्यूरो। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में अब सरकार की नई पहल को भी शामिल किया जाएगा। वे बुधवार को सचिवालय कक्ष में आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। इसमें अगले साल के बजट की तैयारी की भी समीक्षा हुई। मालूम हो कि राज्य में एनडीए की सरकार बनने के बाद वर्ष 2006-07 से केन्द्र की तर्ज पर बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण जारी करने की परिपाटी चल रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण में अब तक अर्थव्यवस्था: एक अवलोकन के साथ राजकीय वित्त व्यवस्था, कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र, उद्यम क्षेत्र, कौशल विकास, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, नगर विकास, बैंकिंग, मानव विकास तथा बाल विकास आदि क्षेत्रों की समीक्षा व विश्लेषणों को शामिल किए जाते हैं।
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कई चुनौतियां सामने आई हैं, जिनका सरकार मुकाबला कर रही है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा नया मुद्दा है, जिससे पर्यावरण वन एवं जलवायु परिर्वतन विभाग के साथ-साथ नगर विकास सहित अन्य विभाग भी मुकाबला कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिर्वतन की चुनौतियों के बीच जल-जीवन-हरियाली, हरित आवरण, बाघों की संख्या में वृद्धि, सोलर इनर्जी को बढ़ावा देने की पहल के विश्लेषण की जरूरत है। उन्होंने कहा जनसांख्यकीय विश्लेषण में माइग्रेशन खास कर अल्पकालिक पलायन जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण है। पासपोर्ट डाटा और बाहर से कामगारों द्वारा भेजी जा रही राशि के जरिए इस तथ्य के विश्लेषण की जरूरत है।
ये नए विषय होंगे शामिल
- जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयास
- सात निश्चय की उपलब्धियां
- पीएम पैकेज के तहत सड़क, पर्यटन आदि क्षेत्रों में हो रहे कार्य
- डीबीटी के जरिए केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं की राशि हस्तांतरण के लाभ
- ई.गवर्नेंस, बैंकिंग प्रक्षेत्र में वार्षिक साख योजना
- किसान क्रेडिट कार्ड व मुद्रा लोन का प्रभाव
- सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास
- 1951 से जनसांख्यकीय विश्लेषण