result scam : स्टूडेंट 1- रजिस्ट्रेशन 2, रॉल नंबर 2, रिजल्ट 2, एक में पास दूसरे में फेल
रिजल्ट घोटाले में एक नई बात सामने आई है, जिसमें बच्चा राय के कॉलेज विशुनराय कॉलेज में कई एेसे छात्रों के नाम सामने आई हैं जिसमें एक छात्र को रॉल नंबर एलॉट किए गए थे।
पटना [वेब डेस्क]। रिजल्ट घोटाले का मुख्य आरोपी बच्चा राय और बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद की मिलीभगत से किए गए एक और कारनामे का खुलासा हुआ है। विशुनराय कॉलेज के ऐसे कई छात्रों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें दो-दो रॉल नंबर अलॉट कर परीक्षा दिलाई गई। इन छात्रों का रजिस्ट्रेशन भी दो बार हुआ।
जांच में एेसी आशंका है कि एक रॉल नंबर पर छात्र ने खुद परीक्षा दी, जबकि दूसरे में किसी स्कॉलर को बैठाया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि सेंटर मैनेज करने से लेकर कॉपियां बदलने के बीच कहीं कोई पेंच फंस जाए तो भी कॉलेज का रिजल्ट न बिगड़े।
विशुनराय कॉलेज के ऐसे करीब 20 छात्रों की दो-दो मार्कशीट मिली हैं, जिनमें एक रॉल नंबर पर छात्र पूरी तरह फेल है, तो दूसरे रॉलनंबर की मार्कशीट में उसे सभी विषयों में अच्छे नंबर मिले हैं। छात्र को पास या टॉपर बनाने का ठेका लेने के बाद बच्चा राय जैसे कॉलेज संचालक बिहार बोर्ड की मदद से कॉपियां बदलवाने तक का काम आसानी से कर रहे थे।
लेकिन इस बात की आशंका भी रहती थी कि यदि मनमाफिक सेंटर नहीं मिला या कॉपियां बदलवाने में मुश्किल हुई तो कॉलेज का रिजल्ट खराब हो सकता है। इसी वजह से कॉलेज संचालक कुछ छात्रों के दो रजिस्ट्रेशन कराकर उन्हीं के नाम दो रॉल नंबर जारी करा लेते थे।
इसमें एक रोल नंबर पर ओरिजनल छात्र परीक्षा देता था, जबकि दूसरे पर किसी अच्छे स्कॉलर को बैठाया जाता था जो अच्छे नंबर लाने में सक्षम होता था। खास बात यह थी कि इस काम में भी बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों की पूरी मदद होती थी। क्योंकि रजिस्ट्रेशन के बाद परीक्षा का एडमिट कार्ड आमतौर पर बोर्ड ही जारी करता है।
लेकिन बच्चा राय ने नियमों की आड़ लेकर एडमिट कार्ड अपने कॉलेज से जारी किए। एसआईटी ने कुछ दिन पहले ऐसे ही ब्लैंक कार्ड बच्चा राय के कॉलेज से बरामद किए थे।
ये मामले सामने आए
1. आदित्य अभिषेक-
बच्चा राय के विशुनराय कॉलेज के आदित्य अभिषेक के नाम से दो रजिस्ट्रेशन रॉल नंबर 10162 - 33014 -आर 0684 /14, रॉल नंबर 10163 -- 33014 -आर 0645 /14 जारी किया गया। आदित्य अभिषेक के नाम से दो रॉल नंबर 10162 और 10163 बोर्ड ने जारी किया। रॉल नंबर 10162 स्कॉलर का था जबकि 10163 आदित्य अभिषेक का था। रॉल नंबर 10162 की कापियां खाली दिखाई गई जबकि 10163 को शानदार नंबर मिले।
2. अनुपम आलोक-
इसके नाम से भी दो रजिस्ट्रेशन और दो रॉल नंबर बोर्ड ने जारी किया। इसके नाम से 33014-आर-0686/14 व रॉल नंबर 10222 तथा रजिस्ट्रेशन नंबर 33014-आर-0647/14 व रोल नंबर 10223 जारी किया गया। पहले रॉल नंबर का पूरी तरह अनुपस्थित दिखाया गया जबकि दूसरे रॉल नंबर से अच्छे नंबर मिले हैं। कुल मिलाकर पूरे 20 छात्रों का इस वर्ष दो नामों परीक्षा देने का मामला सामने आया है।
एक छात्र का दो बार रजिस्ट्रेशन
इंटर परीक्षा के लिए किसी कॉलेज में रजिस्ट्रेशन के बाद उसी छात्र का रजिस्ट्रेशन किसी दूसरे कॉलेज में नहीं किया जा सकता। बच्चा राय के वीआर कॉलेज में कई छात्रों के दो रजिस्ट्रेशन हुए। एक ही छात्र के नाम से दो अलग रॉल नंबर भी जारी हो गए। जानकारों के मुताबिक बोर्ड की मदद के बिना इतनी बड़ी गड़बड़ी संभव नहीं है।
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कुछ यूं चला घोटाले का खेल
1. सबसे पहले चुने गए छात्र का एक ही कॉलेज में दो रजिस्ट्रेशन कराया जाता था
2. बोर्ड की मिलीभगत से दोनों रजिस्ट्रेशन पर लगातार रोल नंबर लिया जाता था
3. स्कॉलर के एडमिट कार्ड को बोर्ड नहीं, कॉलेज जारी करता था। फोटो लगाने व सत्यापित करने की जिम्मेदारी कॉलेज की होती थी। छापे में वीआर कॉलेज से बोर्ड सचिव रहे हरिहर नाथ झा के साइन किए सादा एडमिट कार्ड बरामद हो चुके हैं।
4. कॉलेज द्वारा जारी एडमिट कार्ड पर स्कॉलर की फोटो लगा कर उसे परीक्षा में छात्र के बगल में बैठा दिया जाता था। यानी सब ओरिजिनल।
5. ऐसे सभी छात्रों के रिजल्ट को स्क्रूटिनी में भेज दिया जाता था। इसे लालकेश्वर देख रिजल्ट जारी करते थे।
6. कुछ मामलों में चूक हो गई। जैसे स्कॉलर की कॉपियां बदलने या गायब करने की बजाए गलती से जांचने चली गई। इससे छात्रों के दोनों रिजल्ट में नंबर मिल गए।
इनका है कहना
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर का कहना है कि यह गंभीर मामला है। इसकी जांच भी एसआईटी से कराई जाएगी। स्कॉलर से परीक्षा दिलवाने के मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।