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AK 47 तस्‍करी में रडार पर नक्सली व सफेदपोश, पुलिस खंगालेगी खरीदारों की कुंडली

मध्‍य प्रदेश से AK 47 की तस्‍करी के मामले में अब पुलिस सेना के हथियार खरीदारों की पड़ताल करने जा रही है। इसकी जांच एनआइए भी करेगी। पूरा मामला जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:05 PM (IST)
AK 47 तस्‍करी में रडार पर नक्सली व सफेदपोश, पुलिस खंगालेगी खरीदारों की कुंडली
AK 47 तस्‍करी में रडार पर नक्सली व सफेदपोश, पुलिस खंगालेगी खरीदारों की कुंडली

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार और मध्य प्रदेश पुलिस समन्वय स्थापित कर सेना के एके-47 समेत अन्य हथियार खरीदने वालों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। पुलिस शीघ्र ही आर्मी को पत्र लिखकर एके-47 के अलावा गायब अन्य हथियारों की जानकारी मांगेगी। यही नहीं, बिहार सरकार मामले में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) को भी जांच के लिए लिखने पर विचार कर रही है। हालांकि, एनआइए खुद से संज्ञान लेकर मामले की जांच शुरू कर सकती है। एनआइए के उच्चाधिकारी के अनुसार पूरे मामले पर नजर है। एनआइए पूरे मामले में स्वयं भी इनपुट जुटा रहा है।

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दरअसल, मुंगेर एवं जबलपुर पुलिस को अबतक की पूछताछ और जांच में कई अहम सुराग मिले हैं। एके-47  चोरी व तस्करी के आरोपित आर्मरर पुरुषोत्तम रजक, उसके बेटे शीलेन्द्र, पत्नी चंद्रवती रजक, सीओडी के सीनियर स्टोर इंचार्ज सुरेश ठाकुर, खरीदार इमरान और शमशेर से कई चौंकाने वाली जानकारी मिल रही है। बिहार में 2012 से अबतक सौ से ज्यादा केवल एके-47 सप्लाई करने की पुष्टि हुई है। इसी को आधार बनाकर पुलिस ने आर्मी को पत्र लिखा है।

नक्सली और सफेदपोश रडार पर

बिहार पुलिस ने नक्सलियों और सफेदपोशों को दबोचने की तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। खरीदार कौन-कौन हैं इसका पता लगाने के लिए कई टीमें लगाई गईं हैं। नक्सलियों के हाथ फोर्स के आधुनिक हथियार लगने से पुलिस की चिंता बढ़ गई है।

नक्सल मोर्चे पर पदस्थ पुलिस के आला अधिकारियों की मानें तो नक्सलियों ने एके-47 के अलावा आधुनिक हथियार जुटा अपनी ताकत बढ़ा ली है। पुलिस इनपुट के आधार पर एसटीएफ शीघ्र ही इस मामले में विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रही है।

महत्वपूर्ण यह है कि एसटीएफ को मुंगेर जिले के बरदह समेत कई जिलों के ग्रामीण जांच में आगे आकर सहयोग कर रहे हैं। इससे पुलिस को मामले की गुत्थी सुलझाने में काफी मदद मिल रही है।


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