गौरव की बात : पूर्ण शराबबंदी के लिए बिहार को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के दो साल हो गए। बिहारवासियों के लिए गौरव की बात यह है कि इस प्रदेश को अब राष्ट्रपति रामनथ कोविंद के हाथों राष्ट्रीय सम्मान मिलने जा रहा है।
पटना [जेएनएन]। पिछले दो सालों से बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। इसकी चर्चा देश दुनिया में तो ही रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि पूर्ण शराबबंदी लागू होने का कारण बिहार को देश के राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय सम्मान दिया जाएगा। जो हम बिहारवासियों के लिए गर्व की बात होगी। पूर्ण शराबबंदी पर लोगों को जागरूक करने के लिए बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा।
राज्य साक्षरता मिशन ऑथोरिटी (एसएलएमए) का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। 26 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दिल्ली के विज्ञान भवन में पुरस्कार देंगे। बेस्ट जागरूकता कैंपेन कैटेगरी में यह राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के समर्थन में राज्य में सबसे बड़ा मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को शराब से दूर रहने का संदेश दिया गया था।
शराबबंदी को लेकर कई तरह के स्लोगन और प्रचार माध्यमों की मदद जागरूकता अभियान के लिए ली गई। अल्कोहल के खिलाफ इतने बड़े अभियान के लिए ही सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट मिनिस्ट्री ने बिहार को यह राष्ट्रीय अवार्ड देने का फैसला किया है। राष्ट्रपति 26 जून को विज्ञान भवन में यह अवार्ड देंगे। इसकी जानकारी जन शिक्षा निदेशक विनोदानंद झा ने दी है। विनोदानंद झा ने इस अवार्ड के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार भी जताया है। जन शिक्षा निदेशक डॉ. विनोदानंद झा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर लोगों को जागरूक करने का मौका दिया। शराबबंदी पर सबसे बड़ी मानव श्रृंखला में सफलता मिली। यह पुरस्कार साक्षरता कर्मी, कला जत्था, जीविका दीदी, शिक्षक, अधिकारी और सभी बिहारियों का सम्मान है। साथ ही जागरूकता अभियान में लगे विभिन्न कला जत्था, जीविका दीदी, शिक्षक, अधिकारी और पूरे बिहार के लोगों के प्रति भी आभार प्रकट किया है।
गौर हो कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के दो साल से भी अधिक हो गए हैं। शराबबंदी के दौरान जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे बिहार में मानव श्रृंखला भी बनाई गई। लगातार दो साल 21 जनवरी को यह मानव श्रृंखला बनाई गई। 2017 में 12,000 किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी और उसमें तीन करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए थे। लिम्का बुक इस मानव श्रृंखला के लिए प्रमाण पत्र भी दे चुका है। इस साल भी 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाई गई, 14000 किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला में साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने का दावा किया गया। मानव श्रृंखला की चर्चा पूरे देश में ही नहीं देश से बाहर भी हुई। शराबबंदी और सामाजिक कुरीति को लेकर इस तरह का कभी भी देश या देश से बाहर इतनी बड़ी मानव श्रृंखला नहीं बनाई गई थी और बिहार में लगातार दो साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह मानव श्रृंखला बनाई गई।