Lok Sabha Election 2019: नीतीश के गढ़ नालंदा में लगेगी हैट्रिक या मिलेगी पहली जीत
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में चुनाव के बाद परिणाम पर सबकी नजर टिक गई है। यहां एनडीए के साथ मुकाबल महागठबंधन में भी है।
बिहारशरीफ, जेएनएन। सातवें चरण के लिए नालंदा में लोग घरों से बाहर निकले और जमकर मतदान किया। युवाओं में पहली बार मतदान का उत्साह दिखा। दिव्यांगों व बुजुर्गों ने भी अपनी कमजोरी को मतदान के आड़े नहीं आने दिया। वोट पड़ने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में सबकी नजर है। रविवार को वोटरों ने फैसला कर दिया है। यहां लड़ाई में महागठबंधन भी है। यहां मुख्य मुकाबला एनडीए के जदयू प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार और महागठबंधन के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी अशोक कुमार आजाद के बीच है। कौशलेंद्र जहां हैट्रिक लगाने के लिए बेताब हैं तो अशोक का यह पहला चुनाव है। जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि यहां 55 फीसद मतदान हुआ।
उग्र लोगों ने किया पथराव
राजगीर के चंदौरा में मतदान बहिष्कार पर अड़े लोगों ने ईवीएम तोड़ डाला। बीडीओ को बंधक बनाकर बदसलूकी की। हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गई और कुछ वोट पड़े। इस्लामपुर के मुजफ्फरा गांव में बूथ नंबर 143 पर बोगस वोटिंग रोकने के कारण लोग उग्र हो गए और बूथ पर पथराव कर दिया। सिपाही जियारूल इस्लाम का सिर फट गया। कुल छह बूथों पर वोट बहिष्कार की सूचना है। वहीं 20 से 25 बूथों पर ईवीएम की खराबी के कारण एक घंटे देरी से मतदान शुरू हो सका।
सेंधमारी तय करेगी जीत-हार का!
अनुमान के मुताबिक दोनों गठबंधनों के वोट ट्रांसफर हुए। दोनों के आधार मतों में सेंधमारी भी हुई। यही सेंधमारी हार-जीत का फैसला कर देगी। हालांकि जीत का अंतर पिछली बार की ही तरह कम रहेगा। मैदान में कुल 35 प्रत्याशी होने के बावजूद कहीं कोई त्रिकोण बनता नहीं दिखा। अधिकांश दलीय व निर्दलीय प्रत्याशी की ताकत उनके गांव या ज्यादा से ज्यादा पंचायत तक दिखी। बड़ी बात यह रही कि बसपा के अधिकांश कैडर वोटरों का अपनी पार्टी के प्रत्याशी से मोह भंग दिखा। ये वोट दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वियों के बीच बंटते दिखे।
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