Mustard Oil Price: राहत के बाद भी सरसों तेल बिगाड़ रहा घर का बजट, रिफाइंड का भाव पटना में स्थिर
सरसों तेल का भाव पांच रुपये प्रति लीटर गिरने के बाद भी ऊंचे पर टिका हुआ है। रिफाइंड का भाव में राहत नहीं मिल रही है। सरसों तेल का भाव पांच रुपये प्रति लीटर नीचे आया है। अब इसका अधिकतम भाव 210 रुपये लीटर हो गया है।
जागरण संवाददाता, पटना: Mustard Oil Price: खाद्य तेलों का बाजार महंगाई से साठगांठ कर चुका है। इससे घरेलू बजट तार-तार हो रहा है। सरसों तेल का भाव पांच रुपये प्रति लीटर गिरने के बाद भी ऊंचे पर टिका हुआ है। रिफाइंड का भाव में राहत नहीं मिल रही है। सरसों तेल का भाव पांच रुपए प्रति लीटर नीचे आया है। अब इसका न्यूनतम भाव 185 रुपये जबकि अधिकतम भाव 210 रुपये लीटर हो गया है। बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश तलरेजा ने कहा कि तेजी का सिलसिला बना हुआ है। कभी-कभी मामूली राहत मिल रही है। भाव 20 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ता है तो पांच रुपये लीटर की राहत मिलती है।
मार्च 2020 के बाद सरसों तेल और रिफाइंड का भाव दोगुना से भी ज्यादा बढ़ चुका है। मार्च 2020 में सरसों तेल का भाव 90 से 110 रुपये प्रति लीटर था जो अब 185 से 210 रुपये प्रति लीटर पर है। रिफाइंड का भाव भी उच्च स्तर पर स्थिर है। पाम रिफाइंड का भाव 135 रुपये प्रति लीटर पर है। सोया रिफाइंड का भाव भी 155 से 160 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है।रिफाइंड पर दो बार आयात शुल्क घटाया गया था। इस वजह से भाव स्थिर चल रहा है। तलरेजा ने कहा कि सोया रिफाइंड की मांग अधिक रहती है। हालांकि बाजार में पैसे की कमी महसूस की जा रही है इसलिए मांग भी दबी हुई है।
राहत मिलने की उम्मीद कम
उन्होंने कहा कि सरसों की नयी पैदावार आने में अभी समय लगेगा। इसलिए भाव में राहत मिलने की फिलहाल उम्मीद कम है। त्योहार मांग निकलते ही खाद्य तेलों के भाव में तेजी की भी आशंका बनी हुई है। बाजार के मंडीदारों का कहना है कि दशहरा तक सरसों तेल और रिफाइंड के भाव में 10 से 20 रुपये प्रति लीटर की और तेजी आ सकती है। त्योहारों पर खाद्य तेलों की मांग दोगुना स्तर पर पहुंच जाती है, और भाव भी तल्ख हो जाते हैं।