सरसों के तेल और रिफाइंड के दाम में उछाल से तड़का लगाना हुआ महंगा, रेट में नहीं रहा खास अंतर
एक सप्ताह पूर्व सरसों तेल का भाव 130 से 155 रुपये प्रति किलो था जो अब बढ़कर 135 से 160 रुपये किलो पर पहुंच गया है। रिफाइंड का भाव एक सप्ताह में दस रुपये प्रति किलो बढ़ गया है। सरसों और रिफाइंड के भाव में खास फर्क नहीं रहा है।
जागरण संवाददाता, पटना: महज एक हफ्ते में सरसों तेल के भाव में पांच रुपये की और तेजी दर्ज की गई है। एक सप्ताह पूर्व सरसों तेल का भाव 130 से 155 रुपये प्रति किलो था, जो अब बढ़कर 135 से 160 रुपये किलो पर पहुंच गया है। रिफाइंड का भाव एक सप्ताह में दस रुपये प्रति किलो बढ़ गया है। एक सप्ताह पूर्व रिफाइंड का भाव 120 से 150 रुपये प्रति किलो था, जो बढ़कर अब 130 से 160 रुपये किलो हो गया है। खास यह कि सरसों तेल और रिफाइंड के भाव में अब कोई खास फर्क नहीं रह गया है।
मार्च से ही सरसों तेल और रिफाइंड के भाव में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। फरवरी माह में सरसों तेल का भाव 90 रुपये से 110 रुपये प्रति किलो था। रिफाइंड का भाव 80 से 90 रुपये किलो था। इसके बाद सरसों तेल और रिफाइंड के भाव में हर महीने पांच से दस रुपये की वृद्धि देखने को मिल रही है। बिहार खुदरा विक्रेता संघ के अध्यक्ष रमेश तलरेजा ने कहा कि अपेक्षाकृत कमजोर फसल, कोरोना काल में आवाजाही में बाधा, निर्यात संबंधी लिए गए सरकार के फैसले आदि का कीमतों पर असर है। उन्होंने कहा कि नई फसल आने में अभी विलंब है। सरसों की कटाई मार्च के बाद शुरू होगी। ऐसे में दो माह तक कीमतों में नरमी की उम्मीद कम है।
दस से पंद्रह रुपये का अंतर हुआ खत्म
रिफाइंड और सरसों तेल के भाव में कम से कम दस से पंद्रह रुपये का हमेशा अंतर रहता था जो अब खत्म हो गया है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि रिफाइंड और सरसों तेल का भाव एक समान हो गया है। ब्रांडेड और चलानी खाद्य तेलों का दाम बढऩे के बाद अब मिल वाले भी कीमत बढ़ा दिए हैं। अब तक मिल का कच्ची घानी सरसों तेल 165 रुपये प्रति किलो था जो अब 170 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है।