मुंगेर में बनेगा सूबे का पहला वानिकी महाविद्यालय
सूबे का पहला वानिकी कॉलेज मुंगेर कृषि विज्ञान केन्द्र के परिसर में खुलेगा।
पटना । सूबे का पहला वानिकी कॉलेज मुंगेर कृषि विज्ञान केन्द्र के परिसर में खुलेगा। इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र को 125 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। इसके अलावा किशनगंज में सूबे का दूसरा मत्स्य महाविद्यालय खुलेगा। दोनों कॉलेजों में अगले सत्र से पढ़ाई प्रारंभ हो जाएगी।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अजय कुमार सिंह ने बताया कि सूबे में वानिकी को बढ़ावा देने के लिए सूबे में एक महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सूबे में वानिकी की पढ़ाई अगले सत्र से पहली बार प्रारंभ होगी। इससे दूसरे राज्यों में जाकर वानिकी की पढ़ाई करने वाले छात्रों का पलायन रुकेगा। भवन निर्माण का कार्य जल्द ही प्रारंभ कर दिया जाएगा। उसके बाद अन्य आधारभूत संरचना की व्यवस्था कर ली जाएगी।
बहाल होंगे शिक्षक व कर्मी
कुलपति ने बताया कि कॉलेज में पढ़ाने लिए शिक्षक एवं गैर शिक्षण कार्य के लिए कर्मचारियों की बहाली की प्रकिया शुरू की जाएगी। एक पढ़ाई शुरू करने के लिए कम से कम 50 शिक्षकों की जरूरत होगी और उतनी ही संख्या में कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। सूबे में वानिकी की पढ़ाई प्रारंभ होने के बाद प्रदेश में वन संरक्षण के साथ-साथ वनों के विकास में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही काफी संख्या में युवाओं को वन आधारित रोजगार के अवसर मिलेगा।
किशनगंज में स्थापित होगा मत्स्य महाविद्यालय
बिहार कृषि विश्वविद्यालय किशनगंज में राज्य का दूसरा मत्स्य महाविद्यालय स्थापित करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा जोर-शोर से तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। प्रदेश में ढोली, मुजफ्फरपुर में पहले से एक मत्स्य महाविद्यालय स्थापित है, लेकिन यह राजेन्द्र केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है। किशनगंज का मत्स्य महाविद्यालय राज्य सरकार के बिहार कृषि विश्वविद्यालय से संचालित किया जाएगा।