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मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना: अभ्‍यर्थियों की प्रतीक्षा सूची पर अभी निर्णय नहीं, 65 हजार ने किया है आवेदन

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के आवेदकों की प्रतीक्षा सूची पर अभी निर्णय नहीं। 65 हजार लोगों की लंबी सूची तैयार हो जाएगी इस योजना के लिए। अगले वर्ष नए सिरे से आवेदन लिया जाए या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 30 Oct 2021 02:06 PM (IST)Updated: Sat, 30 Oct 2021 02:06 PM (IST)
मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना: अभ्‍यर्थियों की प्रतीक्षा सूची पर अभी निर्णय नहीं, 65 हजार ने किया है आवेदन
मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना की प्रतीक्षा सूची पर निर्णय नहीं। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) के तहत आवेदकों की जो लंबी प्रतीक्षा सूची माह-दो माह में तैयार हो जाएगी, उसका क्या होगा इस पर उद्योग विभाग ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। लेकिन यह तय है कि यह प्रतीक्षा सूची 65 हजार से कम आवेदकों की नहीं होगी। उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पहले से तय है कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति-जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 200-200 की संख्या में ही लाभार्थियों का चयन किया जाना है। ऐसे में इस सीमा से अधिक उद्यमी लिए जाने का कोई प्रश्न नहीं है। तो  स्वाभाविक है कि बड़ी संख्या में आवेदक प्रतीक्षा सूची में रह जाएंगे। 

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अगले वर्ष प्रतीक्षा सूची से ही लोगों का चयन हो या नहीं, अभी यह तय नहीं

इस योजना के तहत एक चर्चा थी कि जो आवेदक प्रतीक्षा सूची (Waiting List) में हैं उनमें से ही अगले वित्तीय वर्ष के लिए लाभार्थि‍यों का चयन कर लिया जाए। उद्योग विभाग के आला अधिकारी का कहना है कि अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि प्रतीक्षा शुरू से ही अगले वर्ष के लिए चयन कर लिया जाए। इसमें संकट यह है कि अगर यह प्रक्रिया अपनायी गयी तो प्रतीक्षा सूची के खत्म होने में कई वर्ष लग जाएंगे। ऐसे में इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके मूल में यह है कि हर वर्ष उद्योग की लागत में बढ़ोतरी होती जाएगी।

चयनित लाभार्थियों का प्रशिक्षण भी कराएगा उद्योग महकमा

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जिन लाभार्थियों का चयन होगा उन्हें उद्योग विभाग अपने स्तर से प्रशिक्षण भी दिलाएगा। यह उनके उद्योग विशेष के बाजार व आगे की संभावनाओं पर केंद्रित होगा। बता दें कि इस योजना के तहत सरकार 10 लाख रुपये का लोन देगी। उसमें से पांच लाख रुपये सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। 


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