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सबसे ज्‍यदा हत्‍याएं पटना में और बैंक डकैती मुजफ्फरपुर में हुआ, जानिए 2020 में बिहार क्राइम का ग्राफ

पुलिस हेडक्‍वाटर्स अपराध का लेखा-जोखा कर रहा । पिछले छह माह के अपराध के आधार पर एडीजी जिलावार समीक्षा करेंगे । आंकड़े के अनुसार कोविड-19 के कारण अप्रैल में सबसे कम और अगस्त में सबसे अधिक अपराध की घटनाएं हुई हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 09:41 PM (IST)
सबसे ज्‍यदा हत्‍याएं पटना में और बैंक डकैती मुजफ्फरपुर में हुआ, जानिए 2020 में बिहार क्राइम का ग्राफ
जानिए बिहार में अपराध का ग्राफ, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को और बेहतर बनाने के लिए एडीजी स्तर के अधिकारियों को जिलावार समीक्षा करनी है। इसमें सबसे पहले गंभीर अपराध वाले जिलों की समीक्षा होनी है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय पिछले छह से नौ माह में हुए अपराध का जिलावार लेखा-जोखा कर रहा है।

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  बिहार पुलिस ने अभी तक सितंबर माह तक के आंकड़े जमा किए हैं। इसके हिसाब से सबसे अधिक अपराध अगस्त जबकि सबसे कम अपराध अप्रैल में दर्ज किए गए हैं। अप्रैल में आपराधिक घटनाओं के कम होने का कारण लॉकडाउन माना जा रहा है। अप्रैल में ही कोरोना को लेकर सबसे अधिक सख्ती बरती गई थी। हालांकि फिर भी 15,984 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जैसे-जैसे लॉकडाउन में ढील दी गई, अपराध का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ता गया। अगस्त महीने में सबसे अधिक 24,081 मामले दर्ज किए गए। हालांकि अगले ही माह सितंबर में आपराधिक घटनाओं का आंकड़ा घटकर 22,877 पर आ गया।

सेंट्रल, तिरहुत और मगध रेंज में सबसे अधिक मामले

इस वर्ष सितंबर माह तक सबसे अधिक 28,944 मामले सेंट्रल रेंज में दर्ज किए गए हैं। इस रेंज में पटना और नालंदा जिला आता है। वहीं मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों से बनकर बने तिरहुत रेंज में कुल 21,358 मामले दर्ज हुए हैं। तीसरे स्थान पर 20,362 मामलों के साथ मगध रेंज हैं। इसमें गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद और अरवल जिले आते हैं। सबसे कम मामले बेगूसराय और रेल रेंज के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं। लॉकडाउन के कारण इस वर्ष अप्रैल माह में सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं।

गंभीर अपराध पर पहली नजर

हत्या की बात करें तो सबसे अधिक 294 हत्याएं तिरहुत रेंज में हुई हैं, जिसमें 134 हत्याएं केवल मुजफ्फरपुर में है। दूसरे स्थान पर मगध रेंज है, जहां 276 हत्याएं हुई हैं, इसमें गया जिले में सिर्फ 138 हत्याएं हैं। वहीं सेंट्रल रेंज 264 हत्याओं के साथ तीसरे स्थान पर है। हालांकि जिले के हिसाब से देखें तो इस रेंज का पटना 159 हत्याओं के साथ पहले स्थान पर आ रहा है। बैंक डकैती के 11 मामले आए हैं। इसमें सात मामले तिरहुत रेंज के हैं। इसमें भी पांच घटनाएं मुजफ्फरपुर में हुई हैं।

फिरौती के लिए  20 अपहरण

इस वर्ष सितंबर तक कुल 5747 अपहरण के मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए हैं। इसमें महज 20 मामले ही ऐसे बताए गए हैं, जिनमें फिरौती की मांग की गई है। इसमें भी पटना, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक दो-दो मामले दर्ज किए गए हैं।

पूर्णिया रेंज में सबसे अधिक रेप

दुष्‍कर्म के मामले में सबसे अधिक 202 मामले पूर्णिया रेंज में दर्ज किए गए हैं। तिरहुत रेंज में 126, सेंट्रल रेंज में 110 और मगध रेंज में 101 दुष्‍कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं। जिलों की बात करें तो पटना में सर्वाधिक 67, पूर्णिया में 60, गया में 57 और मुजफ्फरपुर में 48 मामले दर्ज किए गए हैं।

नालंदा की होगी सबसे पहले समीक्षा

पुलिस मुख्यालय की ओर से होने वाली जिलावार समीक्षा में सबसे पहला नंबर सेंट्रल रेंज के अंतर्गत आने वाले नालंदा जिले का है। यहां एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को संबंधित जिलों के बड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक करनी है। बैठक में न केवल गंभीर आपराधिक मामलों पर चर्चा होगी बल्कि उसके पर्दाफाश को लेकर भी पदाधिकारियों को गुर बताए जाएंगे। इसके अलावा तकनीकी जांच के लिए मुख्यालय से समन्वय को भी कहा जाएगा।

माह    कुल मामले

जनवरी  20,467

फरवरी  21,065

मार्च    21,127

अप्रैल   15,984

मई      20,915

जून      23,595

जुलाई   22,668

अगस्त   24,081

सितंबर   22,877

कुल     1,92,779

बिहार में अपराध का ग्राफ

 कुल मामले   पुलिस रेंज

28,944        सेंट्रल

21,358        तिरहुत

20,362        मगध

19,497        सारण

18,144        चंपारण

17,657        शाहाबाद

16,520        मिथिला

13,822        पूर्णिया

9,933         पूर्वी बिहार

8,331         मुंगेर

7457          बेगूसराय

1432          रेल

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294 हत्याएं हुईं तिरहुत रेंज में, सिर्फ मुजफ्फरपुर में 134

276 हत्याएं हुईं मगध रेंज में, सिर्फ गया जिले में 138

264 हत्याएं हुईं सेंट्रल रेंज में, पटना में सर्वाधिक 159

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