Move to Jagran APP

प्रमुख 60 शहरों में सबसे प्रदूषित है आपका पटना, मुजफ्फरपुर दूसरे स्थान पर

पटना की हवा खराब हो रही है। यहां गुबार ही गुबार है। प्रदूषम के मामले में पटना का स्थान अव्वल है। यहां तक गाजियाबाद और दिल्ली भी बिहार की राजधानी से कम हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 04:46 PM (IST)
प्रमुख 60 शहरों में सबसे प्रदूषित है आपका पटना, मुजफ्फरपुर दूसरे स्थान पर
प्रमुख 60 शहरों में सबसे प्रदूषित है आपका पटना, मुजफ्फरपुर दूसरे स्थान पर

पटना, जेएनएन। पटना अव्वल है। बताने लायक काम के लिए नहीं प्रदूषित शहरों के लिए। ऐसी गुबार भरी हवा की जीना मुश्किल हो जाए। देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पटना शुक्रवार को पहले स्थान पर आ गया। कुछ दिनों से पटना इस सूची में तीसरे स्थान पर था। केन्द्रीय पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिकॉर्ड के अनुसार देश के प्रमुख 60 शहरों में पटना सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हो गया है। इस सूची में बिहार का ही मुजफ्फरपुर दूसरे स्थान पर है। देश की राजधानी दिल्ली से सटा उत्तरप्रदेश का शहर गाजियाबाद सूची में तीसरे स्थान पर है। गाजियाबाद अब तक नंबर एक पर चल रहा था। केन्द्रीय पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ये आंकड़े जारी किए हैं। राजधानी पटना में पीएम 2.5 का स्तर शुक्रवार को 456 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। दूसरे नंबर पर सूबे के ही शहर मुजफ्फरपुर में पीएम 2.5 का स्तर 447 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा।

loksabha election banner

तीन-चार महीने में दिखेगा बदलाव

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार घोष ने कहा कि राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के ग्राफ को देखते हुए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। इसके तहत एयर क्वालिटी एक्शन का शॉर्ट एंड लॉग टर्म प्लान तैयार किया गया है। इसका असर तीन-चार महीने में देखा जा सकेगा।

बूंदाबांदी के बावजूद वायु गुणवत्ता नहीं सुधरी

17 दिसंबर को हुई बूंदाबांदी के बावजूद हवा में मौजूद प्रदूषण तत्व में अपेक्षित कमी नहीं हो सकी। पीएम2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) सामान्य से पांच गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया। पटना में वायु गुणवत्ता सूचकांक पीएम2.5 लगातार खतरनाक स्तर पर रिकॉर्ड किया जा रहा है। अब तो शहर के किनारे गंगा में प्रदूषण नियंत्रण मानक की अनदेखी कर खनन भी शुरू कर दिया गया है। इससे पैदा हो रहे धूलकण से शहरवासियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण भी अलग-अलग हैं। बीते 5 दिसंबर से 12 दिसंबर तक पटना का पीएम2.5 सामान्य से करीब सात गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया। बूंदाबांदी के बाद इसमें मामूली सुधार आया है। 10 दिसंबर को पीएम2.5 प्रति घनमीटर - 416, 9 दिसंबर को 425, 8 दिसंबर को 406, 7 दिसंबर को 405, 6 दिसंबर को 401 और 5 दिसंबर को 415 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया।

वाहनों का धुआं भी बढ़ा रहा प्रदूषण

पीएमसीएच, बोङ्क्षरग रोड और डाकबंगला चौराहा इलाके में ट्रैफिक जाम के कारण वाहनों का धुआं प्रदूषण फैलाने में मदद कर रहा है। गंगा के किनारे कुर्जी और एलसीटी घाट तक बालू खनन और गंगा पथ निर्माण कार्य में प्रदूषण नियंत्रण मानक के उल्लंघन के कारण धूलकण शहर में बढ़ रहा है। बेली रोड, हार्डिंग रोड, करबिगहिया और मीठापुर इलाके में रोड और फ्लाईओवर कार्यस्थल की घेराबंदी नहीं होने और पानी का छिड़काव नहीं किए जाने के कारण हवा प्रदूषित हो रही है।

एडवाइजरी जारी करने तक सिमटी बोर्ड की भूमिका बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एके घोष के अनुसार बोर्ड सिर्फ एडवाइजरी जारी करता है। कानून का अनुपालन कराना जिला प्रशासन, नगर निगम, खनन विभाग और भवन विभाग के अधीन है। जितनी शक्ति इन प्राधिकार को कानून में दी गई है, उसका अनुपालन करने के लिए व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखा है।

पटना में पांच दिनों का एक्यूआइ

19 दिसंबर - 277 माइक्रोग्राम/ घनमीटर

18 दिसंबर - 366 माइक्रोग्राम/ घनमीटर

17 दिसंबर - 335 माइक्रोग्राम/ घनमीटर

16 दिसंबर - 382 माइक्रोग्राम/ घनमीटर

15 दिसंबर - 400 माइक्रोग्राम/ घनमीटर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.