पति- पत्नी के रिश्तों में जहर घोल रहा 'मोबाइल', शेखपुरा महिला हेल्पलाइन ने 800 घर उजड़ने से बचाए
पति का मोबाइल फोन बिजी मिला तो पत्नी को पति के चरित्र पर शक हो जाता है। इसी तरह पत्नी के फोन पर अनजान नंबर से मिस कॉल आई तो पति को पत्नी के चरित्र पर शक पैदा हो जाता है।
शेखपुरा, अरविंद कुमार। शादी के सात फेरों को सात जन्मों तक निभाने में पति और पत्नी दोनों ही बड़े मतभेदों की भी अनदेखी करते थे, मगर आज के भौतिकवादी जमाने में मामूली बातों पर भी दांपत्य के रिश्तों में दरार आ रही है। शेखपुरा स्थित महिला हेल्पलाइन की अधिकारी अमृता दयाल बताती हैं कि दांपत्य जीवन में कड़वाहट की ढेरों शिकायतें उनके पास आती हैं। ऐसे अधिकांश मामले पति- पत्नी दोनों के बीच विश्वास की कमी से जुड़े होते हैं। पति का मोबाइल फोन बिजी मिला तो पत्नी को पति के चरित्र पर शक हो जाता है और पत्नी के फोन पर अनजान नंबर से मिस कॉल आई तो पति को पत्नी के चरित्र पर शक पैदा हो जाता है। यहां तिलक-दहेज के लिए प्रताडि़त करने के मामले काफी कम और रिश्तों में अविश्वास से जुड़े मामले अधिक दर्ज हो रहे हैं।
हर साल 80 परिवारों को उजड़ने से बचा रही हेल्पलाइन
दांपत्य के रिश्तों के इन्हीं दरारों की गांठों को महिला हेल्पलाइन मजबूती प्रदान कर रहा है। पति-पत्नी के बीच विवाद को सुलझाने के लिए सरकार ने 2011 में जिला में महिला हेल्पलाइन की स्थापना की थी। तब से यह संस्था अपनी सकारात्मक पहल से रिश्तों की गांठ को मजबूती प्रदान करने में लगा हुआ है। पिछले 10 वर्षों में पति से प्रताडि़त 9 सौ महिलाओं ने यहां अपनी शिकायत रजिस्टर्ड कराई है। इसमें से 800 मामलों में पति-पत्नी के बीच वैधानिक रूप से सुलह कराकर इन लोगों का घर उजड़ने से बचा लिया गया। हाल ही में परिवार न्यायालय में दो साल से चल रहे एक मामले में महिला हेल्पलाइन ने पहल करके पति-पत्नी को फिर से एक साथ करने का नायाब उदारहण पेश किया।
काउंसिलिंग के साथ मिलती है कानूनी मदद भी
महिला हेल्पलाइन में शिकायतकर्ता को कानूनी मदद के साथ उनकी काउंसिलिंग भी की जाती है। इसके लिए यहां महिला और पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग काउंसलर हैं। कानूनी सलाह और मदद के लिए अधिवक्ता भी नियुक्त हैं। महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने पर उसने पति को यहां बुलाकर दोनों के बीच पैदा हुए मतभेद भी समाप्त किया जाता है। यहां मामला नहीं सुलझने पर पुलिस कार्यवाही की मदद ली जाती है। अमृता दयाल बताती हैं 90 प्रतिशत मामले यहीं सुलझा लिये जाते हैं।