मोबाइल APP बता देगा किस फसल की कब करनी है सिंचाई, मिट्टी के विषय में भी मिलेगी जानकारी Patna News
सॉयल सेंसर एवं इन्वायरनमेंट सेंसर का इस्तेमाल कर तापमान और मिट्टी की नमी का जानकारी समय-समय पर आसानी से ले सकते हैं।
पटना, जेएनएन। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) पटना में आइट्रिपलई क्लब एनआइटी पटना शाखा ने गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया। 'अप्लीकेशन ऑफ वायरलेस सिस्टम नेटवर्क इन एग्रीकल्चर इन्वायरनमेंट और 7 लेवल स्मार्ट होम सिस्टम फॉर जेनरेशन पर मलेशिया इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम (मिनिस्ट्री ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन, मलेशिया) के प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद रविदीन मोहम्मद कासिम ने लेक्चर दिया। उन्होंने बताया कि इस टॉपिक पर 30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं।
प्रो. मोहम्मद कासिम ने कहा कि कुछ समय पहले खेती से जुड़े सभी काम मनुष्य खुद करते थे। उसके बाद ट्रैक्टर, पावर टिलर जैसी मशीनें आ गईं जिन्होंने मनुष्य के काम को आसान कर दिया। लेकिन, अब यह पुरानी बात हो गई है। सॉयल सेंसर एवं इन्वायरनमेंट सेंसर का इस्तेमाल करतापमान और मिट्टी की नमी का जानकारी समय-समय पर आसानी से ले सकते हैं।
इसे एक एप से जोड़कर सभी जानकारी मोबाइल पर प्राप्त की जा सकती हैं। कब सिंचाई करनी है, यह मोबाइल ही बता देगा। मशरूम सहित कई सब्जियों की खेती में वातावरण के तापमान का अहम योगदान होता है। एप के माध्यम से जानकारी मिलने पर उसे घटाया या बढ़ाया जा सकता है।
अमेरिका-यूरोप के बाद भारत में बढ़ रहे स्मार्ट होम
उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में स्मार्ट होम सिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है। वायरलेस नेटवर्क से घर की सभी गतिविधियों को सेंसर से जोड़कर मोबाइल से कंट्रोल कर सकते हैं। दरवाजे पर लगा सेंसर मोबाइल के माध्यम से दरवाजे को नियंत्रित कर रहा है। वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, पंखा, एयरकंडिशनर आदि उपकरणों को सेंसर से जोड़कर मोबाइल से कंट्रोल किया जा रहा है। यूरोप और अमेरिका के बाद भारत में तेजी से स्मार्ट होम कल्चर विकसित हो रहा है।
मुनाफा कमाने के लिए तकनीक की जानकारी जरूरी
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष प्रो. विकाश चंद्र सहाना व आइट्रिपलई क्लब के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि कृषि में मुनाफा बढ़ाने के लिए किसानों को नई तकनीक से जोडऩा होगा। तकनीक लागत को लगभग आधी कर दे रही है।