बिहार पुलिस को बड़ी चुनौती दे रहे ये छोटे अपराधी, रोक सको तो रोक लो .:.जानिए मामला
बिहार पुलिस के लिए नाबालिग अपराधी बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। ये छोटे अपराधी बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। खुलासा होने से हड़कंप मचा है और पुलिस इनकी उम्र पता कर रही हे।
पटना, जेएनएन। बिहार पुलिस एक ओर जहां बड़े और कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर परेशान रहती है तो वहीं अब मासूम से दिखनेवाले नाबालिग अपराधियों की कारगुजारियों ने पुलिस के माथे पर शिकन ला दी है। ये नाबालिग अपराधी आजकल अपराध के मामले में बड़े-बड़ों के उस्ताद साबित हो रहे हैं।
चौंकानेवाली है नाबालिग बदमाशों की पड़ताल
इन नाबालिग बदमाशों को लेकर बिहार पुलिस ने जो पड़ताल की है वो जरूर चौंकानेवाली है। लेकिन, अभी पूरी रिपोर्ट आनी बाकी है। पर इन नाबालिग अपराधियों को लेकर जो तथ्य सामने आएं हैं, उसमें पता चला है कि एेसा कोई अपराध नहीं जिसमें इन नाबालिगों की भूमिका नहीं हो।
इन तथ्यों के सामने आने के बाद अब सीआईडी के आदेश पर इन नाबालिगों की उम्र को लेकर छानबीन शुरू कर दी गई है। ताकि यह पता चल सके कि वाकई ये अपराध करने वाले नाबालिग हैं या फिर उनकी उम्र ज्यादा है और ये खुद को नाबालिग साबित कर रहे हैं।
शिवहर में बैंक लूट की घटना को दिया था अंजाम
बता दें कि पिछले कुछ मामले जो सामने आए हैं उनमें इन नाबालिग बदमाशों के अपराध की कहानी किसी शातिर अपराधी से कम नहीं है। कुछ महीने पहले शिवहर जिले में हुए बैंक लूट की घटना में नाबालिगों की भूमिका सामने आई थी।
इस घटना में हैरत की बात ये है कि पहले से अपराध में शामिल होने के कारण चार नाबलिगों को पर्यवेक्षण गृह में रखा गया था। नियम के तहत इन्हें बीच-बीच में घरवालों से मिलने के लिए छुट्टी दी जाती थी। इस छुट्टी के दौरान पर्यवेक्षण गृह से निकलकर चारों नाबालिगों ने मिलकर शिवहर में यूको बैंक की एक शाखा से 32.33 लाख रुपए लूट लिए।
दानापुर कोर्ट परिसर में सिपाही की कर दी थी हत्या
इससे पहले दानापुर के कोर्ट परिसर में 10 अगस्त को एक कैदी को भगाने के लिए सिपाही प्रभाकर राज की हत्या कर दी गई। जांच में खुलासा हुआ कि कैदी को भगाने के लिए अदालत में हथियार लेकर पहुंचा शख्स कोई कुख्यात नहीं बल्कि 14 साल का नाबालिग था। बाद में इस नाबालिग बदमाश को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
इसी तरह मसौढ़ी थाना कांड संख्या 473/19, बिहार थाना कांड संख्या 38/19 में लूट व डकैती को अंजाम देनेवाले शातिर भी नाबालिग निकले। एक मामले में तो डकैती के 15 लाख में 3.93 लाख रुपए आरोपी के घर से बरामद भी हुआ।
नालंदा के ही लहेरी थाना कांड संख्या 62/19 में तीन किशोरों ने लूट के क्रम के गला काटकर एक शख्स की हत्या कर दी। इसी जिले के चेरो ओपी में वाहन चालक को अगवाकर मार डालनेवाले बदमाश भी नाबालिग थे।
मुथूट फाइनेंस में सोना लूट की वारदात में भी हैं शामिल
कुछ दिनों पहले वैशाली और मुजफ्फरपुर स्थित मुथूट फाइनेंस कंपनी से काफी मात्रा में सोना लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। इन दोनों ही वारदात में वैशाली जिले का रहनेवाला एक नाबालिग शामिल है। मुजफ्फरपुर वारदात के बाद वह पकड़ में आया था।
कहा जा रहा है कि वह नाबालिग बदमाश इसी साल छह नवम्बर को पर्यवेक्षण गृह से फरार हुआ और वैशाली में हुई 55 किलो की सोना लूट की दूसरी घटना को अंजाम देने में कामयाब हो गया।
सामूहिक दुष्कर्म की घटना को दिया अंजाम, हुआ ये खुलासा
बता दें कि पुलिस ने राजगीर थाना कांड संख्या 346/19 जो कि सामूहिक दुष्कर्म घटना में जिन छह नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया था वे सभी छह आरोपी बालिग निकले थे। जब इनकी उम्र के दस्तावेजों की छानबीन हुई तो इसका खुलासा हुआ। इनके द्वारा कम उम्र का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाया गया था। जिसके बाद सीआईडी ने नालंदा पुलिस को इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
नाबालिगों की कारिस्तानी यहीं नहीं थमती। पिछले वर्ष पूर्णिया के के हाट थाना इलाके के पर्यवेक्षण गृह में 5 नाबालिगों ने मिलकर वहां के हाउस फादर और एक बंदी की हत्या कर दी थी।
बिहार के दर्जनों ऐसी घटनाएं हैं जिसमें सीधे तौर पर नाबालिग बदमाशों के नाम आए हैं। अब इनको लेकर विस्तृत छानबीन शुरू की गई है। सीआईडी ने सभी जिलों से नाबालिग बदमाशों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कई जिले यह भेज चुके है जबकि कुछ से रिपोर्ट मिलनी बाकी है। इसके बाद एक-एक केस की छानबीन होगी।