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छपरा-मुजफ्फरपुर रोड निर्माण में पुल बनाना भूल गया राजमार्ग मंत्रालय, 17 बार पत्र लिख चुके हैं सांसद

छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर रोड अब एनएच 722 में तब्दील हो गया है। पीडब्लूडी का यह पथ दो साल पहले 397 करोड़ रुपये की लागत से एनएच का निर्माण हुआ। सड़क-परिवहन व राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने 2019 के फरवरी माह के अंतिम दिन स्वयं छपरा आकर इस एनएच का उद्घाटन किया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 05:48 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 05:48 PM (IST)
छपरा-मुजफ्फरपुर रोड निर्माण में पुल बनाना भूल गया राजमार्ग मंत्रालय, 17 बार पत्र लिख चुके हैं सांसद
छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर रोड अब एनएच 722 में तब्दील हो गया है।

जासं. छपरा: छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर रोड अब एनएच 722 में तब्दील हो गया है। पीडब्लूडी का यह पथ दो साल पहले 397 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था। सड़क-परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2019 के फरवरी माह के अंतिम दिन खुद छपरा आकर इस एनएच का उद्घाटन किया था। सड़क तो उच्च क्वालिटी की बनी, लेकिन रोड निर्माण के दौरान राजमार्ग मंत्रालय गंडक नदी पर रेवाघाट में पुल बनाना भूल गया। ऐसा नहीं कि इस एनएच पर रेवाघाट में पुल नहीं है। पुल तो है लेकिन वह पीडब्लूडी की 2001 में बनाए गए एक लेन का पुल है।

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एनएच पथ पर पीडब्लूडी के पुराने पुल ने खड़ी की समस्या

रेवाघाट के पीडब्लूडी की पुल का झोल ऐसा फंसा है कि राजमार्ग और जलमार्ग दोनों के लिए समस्या खड़ी कर रहा है। एक तरफ नए एनएच पर पुराने पुल से वाहनों के आवागमन में कठिनाई हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इस पुल के नीचे से माल वाहक पानी वाले जहाज को ले जाना चुनौती भरा कार्य हो गया है। सोनपुर से काठमांडू तक मालवाहक जहाज चलाने की केन्द्र की योजना है। यह तीन हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है। इसके तहत सोनपुर के कालू घाट पर 80 करोड़ की लागत से इंटरपोल टर्मिनल का निर्माण होना है। परमानंदपुर व मुल्तान गांव के पास दियारे में 5.159 हेक्टेयर भूमि इस टर्मिनल के लिए उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। इसका डीपीआर और निविदा तैयार कर लिया गया है।

रेवा घाट पर पुल के लिए सांसद लिख चुके हैं 17 पत्र

लोकसभा के चालू सत्र में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अनोखे अंदाज में प्रश्न उठाया है। उन्होंने कहा कि देश में क्या होता है कि कोई पुल बना देता है तो कोई सड़क बना देता है। हमारे यहां छपरा से मुजफ्फरपुर तक सड़क बना दी और पीडब्लूडी का पुल छोड़ दिया। सांसद ने कहा कि ऐसा प्रोजेक्ट इसलिए रुक गया है कि प्रस्तावित जलमार्ग में हमारे यहां रेवाघाट में जो छोटा पुल है वह पीडब्लूडी का है और रोड एनएच का। एनएच ने जब रोड का प्रोजेक्ट बनाया तो उसमें पुल को समाहित नहीं किया। अब इनका जहाज नहीं चल रहा और इनका पुल नहीं बन रहा तो रूडी क्या करें। सांसद ने कहा कि इसके लिए वे एक-दो नहीं बल्कि 17 पत्र लिख चुके हैं। हालांकि सांसद को सदन में मंत्री का सकारात्मक आश्वासन मिला है।

सेतु का शिलान्यास लालू व उद्घाटन राबड़ी ने किया था

गंडक नदी पर मकेर प्रखंड के रेवाघाट में दारोगा प्रसाद राय सेतु का निमार्ण राजद शासन काल में हुआ। 1990 के 10 अगस्त को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने इस पुल का शिलान्यास किया था। पूरे दस साल में पुल तैयार हुआ और 2001 के 27 मई को तत्कालीन सीएम राबड़ी देवी ने इसका उद्घाटन किया था। 


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