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बाढ़ के निबटने को बिहार सरकार कर रही है इस रणनीति पर काम, मंत्री संजय झा खुलकर बोले

बाढ़ से होने वाली हर साल की तबाही को रोकने के लिए राज्य सरकार नेपाल में हाई डैम बनाने की कोशिश में गंभीरता से जुटेगी। विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि इसी से बाढ़ का समाधान निकलेगा।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 07:37 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 09:50 PM (IST)
बाढ़ के निबटने को बिहार सरकार कर रही है इस रणनीति पर काम, मंत्री संजय झा खुलकर बोले
बाढ़ के निबटने को बिहार सरकार कर रही है इस रणनीति पर काम, मंत्री संजय झा खुलकर बोले

पटना, राज्य ब्यूरो। बाढ़ से होने वाली हर साल की तबाही को रोकने के लिए राज्य सरकार नेपाल में हाई डैम बनाने की कोशिश में गंभीरता से जुटेगी। विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि उत्तर बिहार को बाढ़ से बचाने का यही एक मात्र समाधान है। खास बात यह है कि डैम बनने के बाद दोनों देशों के बड़े भू-भाग को खेती के लिए पानी मिलेगा। बिजली का पर्याप्त उत्पादन होगा। इस समय पानी के अनियंत्रित बहाव से बिहार की तरह नेपाल में भी फसल एवं जान माल की हर साल भारी क्षति होती है। ये बातें बुधवार को बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहीं।

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जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि नेपाल में कोसी हाई डैम पर दोनों देशों की सैद्धांतिक सहमति है। बिहार सरकार अपने स्तर से कोशिश भी करती रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मामला होने के कारण राज्य सरकार के हाथ में बहुत कुछ नहीं है। यह तभी संभव है जब भारत और नेपाल सरकार के बीच बातचीत हो।

झा ने कहा कि राज्य सरकार डैम बनाने का दावा नहीं कर सकती है। फिर भी कोशिश होगी कि केंद्र सरकार से बातचीत कर कोई रास्ता निकाला जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व में दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में डैम निर्माण की प्रक्रिया पर सहमति बन चुकी है। डैम पर बने हाइडल प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली और सिंचाई के लिए पानी के बंटवारे का फार्मूला भी तय हो चुका है। 

मालूम हो कि डैम निर्माण को लेकर आज से 15 साल पहले दोनों देशों ने दिलचस्पी दिखाई थी। 2004 में डीपीआर बनाने के लिए धन का आवंटन कर दिया गया था। इसके लिए काठमांडू में प्रोजेक्ट आफिस की स्थापना हुई थी। इस आफिस में दोनों देशों के अधिकारी यदा-कदा बैठक भी करते हैं। झा ने कहा कि मौजूदा बाढ़ संकट से निबटने के बाद वे देखेंगे कि मामला कहां उलझा हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए चिंतित हैं, क्योंकि बाढ़ के चलते जान-माल और फसल के अलावा बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना भी बर्बाद हो जाती है। 


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