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बिहार में मंत्री मुकेश सहनी के तेवर पड़े नर्म, जीतन राम मांझी से मुलाकात व पार्टी में विरोध के बाद कही ये बात

Bihar Politics सहनी ने मंगलवार को कहा है कि बिहार में सरकार को कोई खतरा नहीं है। सरकार से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि बिहार एनडीए में कुछ इश्‍यू जरूर है लेकिन इसे मिल बैठ कर सुलझा लिया जाएगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 01:39 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 01:39 PM (IST)
बिहार में मंत्री मुकेश सहनी के तेवर पड़े नर्म, जीतन राम मांझी से मुलाकात व पार्टी में विरोध के बाद कही ये बात
मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू होते ही नाराजगी दिखाने वाले पशुपालन एवं मत्‍स्‍य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के तेवर अब थोड़े नर्म दिख रहे हैं। उन्‍होंने सोमवार को कहा था कि एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है। गठबंधन में केवल भाजपा और जदयू की बात सुनी जाती है। उनकी पार्टी वीआइपी और जीतन राम मांझी (Jeetan Ram Manjhi) की पार्टी वीआइपी को उचित महत्‍व नहीं मिल रहा है। राज्‍य की सियासत तब गर्मा गई जब सहनी की पार्टी ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की अध्‍यक्षता में एनडीए के बिहार विधान मंडल दल की बैठक का बहिष्‍कार कर दिया। इसके ठीक बाद उन्‍होंने प्रेस वार्ता कर एनडीए में अपनी नाराजगी का इजहार किया था।

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जानिए सहनी ने अब क्‍या कहा

सहनी ने मंगलवार को कहा है कि बिहार में सरकार को कोई खतरा नहीं है। सरकार से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। सरकार बिल्‍कुल ठीक तरीके से चल रही है और आगे भी ठीक से चलेगी। उन्‍होंने कहा कि बिहार एनडीए में कुछ इश्‍यू जरूर है, लेकिन इसे मिल बैठ कर सुलझा लिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि राजनीति में लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। कोई एनडीए के साथ रहने की बात करता है तो कोई यूपीए के साथ जाने की सलाह देता है। लोग दिन में कुछ और रात में कुछ और सलाह देते हैं। ये सब चलते रहता है। बिहार में वे नीतीश सरकार के साथ बने रहेंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार बनने के पहले दिन से ही उन्‍हें विपक्ष की ओर से आफर मिलता रहा है।

मांझी के नर्म रुख के बाद आया बदलाव

दरअसल, मुकेश सहनी बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी से निकट संपर्क में हैं। दोनों नेताओं के बीच अक्‍सर मुलाकात होती रहती है। एनडीए का छोटा दल होने के कारण दोनों मिल कर अपनी बात को जोरदार तरीके से पहुंचाने की कोशिश करते रहते हैं। इस बार सहनी ने खुलेआम नाराजगी का एलान किया तो उन्‍हें मांझी के नर्म रूख के कारण तुरंत अपना स्‍टैंड भी सुधारना पड़ा। सोमवार को एनडीए की बैठक से दूरी बनाने वाले सहनी एक दिन बाद ही मिल बैठ कर मसला सुलझाने की बात कहते नजर आए। मांझी ने वीआइपी के एनडीए विधायक दल की बैठक में नहीं आने को अपरिपक्‍व फैसला बता दिया तो खुद सहनी की पार्टी के विधायक राजू सिंह ने भी उनके फैसले पर सवाल उठाए।


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