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Bagaha, Bihar Quarantine Center News: बिहार में प्रवासियों ने बदल दी क्वारंटाइन सेंटर की तस्वीर

बगहा दो के क्वारंटाइन सेंटर की सफाई करने के साथ प्रवासियों ने लगाए फूल-पौधे। रंग-रोगन भी किया। योगाभ्यास से शुरू होती प्रवासियों की दिनचर्या। रामायण-महाभारत दिखाने की भी व्यवस्था।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 09:58 PM (IST)
Bagaha, Bihar Quarantine Center News: बिहार में प्रवासियों ने बदल दी क्वारंटाइन सेंटर की तस्वीर
Bagaha, Bihar Quarantine Center News: बिहार में प्रवासियों ने बदल दी क्वारंटाइन सेंटर की तस्वीर

पश्चिमी चंपारण, सौरभ कुमार। Bagaha, Bihar Quarantine Center News : खाली बैठना गंवारा नहीं, इसलिए प्रवासियों ने अपनी श्रमशक्ति क्वारंटाइन सेंटर की तस्वीर बदलने में लगा दी। किसी ने कुदाल उठाई तो किसी ने हंसिया। कोई झाड़ू लेकर जुट गया। फिर क्या, गंदगी से पटा रहने वाला बगहा दो प्रखंड के नरईपुर स्थित नार्थ बिहार चीनी मिल्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चमक उठा। चारों ओर हरियाली नजर आ रही।

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चहुंओर गंदगी प्रवासियों को नहीं लगा अच्‍छा

इस स्कूल में एक सप्ताह पूर्व जब 255 लोगों को क्वारंटाइन किया गया तो यहां चहुंओर गंदगी पसरी थी। प्रवासियों को यह अच्छा नहीं लगा। इन्होंने हंगामा करने या प्रशासन को कोसने की जगह मेहनत से इसे संवारने का निर्णय लिया और काम में जुट गई प्रवासियों की टोली। झाड़ू, कुदाल और हंसिया लेकर परिसर की साफ-सफाई की। पौधारोपण और पेंट करने की इच्छा जताई तो अधिकारियों ने सामान उपलब्ध करा दिया। क्यारियां बनाकर दो दर्जन फूल-पौधे लगाए। परिसर में पहले से लगे पेड़ों के तने और दीवार का रंग-रोगन कर दिया। 

योग से शुरू होती इनकी दिनचर्या

यहां योगाभ्यास की भी व्यवस्था है। शिक्षक सुधीर मिश्र प्रतिदिन सुबह योगाभ्यास कराते हैं, ताकि तनाव को नियंत्रित रखा जा सके। इसके बाद नाश्ता, फिर घंटेभर विद्यालय परिसर की साफ-सफाई व दोपहर का भोजन। चार घंटे आराम करने के बाद संध्या पहर प्रोजेक्टर से रामायण व महाभारत और सामाजिक सरोकार से जुड़ीं फिल्में दिखाने की व्यवस्था है। 

पहले जानते नहीं थे, अब गहरी दोस्‍ती हो गई

यहां रह रहे जितेंद्र कुमार, सुनील कुमार व अफजल कहते हैं कि पहले वे एक-दूसरे को जानते नहीं थे। अब गहरी दोस्ती हो चुकी है। इनलोगों का कहना है कि काम करते हुए समय कट जाता है। यहां से जब वे घर लौट जाएंगे तो ये पौधे उनकी याद दिलाते रहेंगे। वहीं बगहा दो बीडीओ प्रणब कुमार गिरि का कहना है कि प्रतिदिन प्रवासियों का हाल लिया जाता है। यहां रह रहे लोगों की स्किल की जानकारी ली जा रही, ताकि लॉकडाउन के बाद उन्हें क्षमता के अनुसार रोजगार दिया जा सके।


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