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बिहार में मर चुके लोगों को लग रहा कोरोना का टीका, शेखपुरा में गड़बड़ी पकड़ी गई तो मामूली कर्मचारी पर फोड़ा ठीकरा

बिहार के शेखपुरा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वहां छह महीने पहले मृत हो चुके एक बुजुर्ग को कोरोना प्रतिरोधी टीका लगाने का मैसेज दिया गया है। अब इस मामले में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सफाई दी है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 09:26 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 08:44 AM (IST)
बिहार में मर चुके लोगों को लग रहा कोरोना का टीका, शेखपुरा में गड़बड़ी पकड़ी गई तो मामूली कर्मचारी पर फोड़ा ठीकरा
कोविड टीकाकरण में सामने आई गड़बड़ी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

शेखपुरा, जागरण संवाददाता। बिहार के शेखपुरा में स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। उस बुजुर्ग के मोबाइल नंबर पर कोरोनारोधी टीका लगाने का मैसेज भेज दिया गया, जिनकी मौत छह माह पहले हो चुकी है। मामला शेखपुरा जिले के बरबीघा नगर परिषद सकलदेव नगर मोहल्ला से जुड़ा है। यह खबर jagran.com पर प्रकाशित होने के बाद राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समिति ने तत्‍काल संज्ञान लिया और जिले के अधिकारियों को फटकार लगाई। मामले में एक डाटा इंट्री आपरेटर की गलती बताई जा रही है और जिले के अधिकारियों ने उसे हटाने का दावा किया है।

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टीवीएस शोरूम के संचालक मनोज कुमार ने बताया कि पिता राम अवतार सिंह का निधन छह महीने पहले हो गया था। पिता की मौत के बाद उनके नाम के सिम वाला मोबाइल मनोज अपने पास रखते हैं। मोबाइल पर गुरुवार को कोरोनारोधी टीका लगाए जाने का मैसेज आया। स्वास्थ्य विभाग की एक महिला कर्मी ने काल किया और टीका के बारे में पूछताछ की। बताया गया कि पिताजी का निधन छह महीने पहले हो चुका है।

इसके बाद भी मोबाइल पर कोविड-19 टीका की दूसरा डोज लिए जाने का मैसेज आ गया। उधर, बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के ही फैजाबाद निवासी सुधांशु  कश्यप, शेखोपुरसराय निवासी अमित कुमार के मोबाइल पर भी टीका लेने का मैसेज आया है, जबकि इन्होंने टीकाकरण नहीं कराया। सदर अस्पताल के प्रबंधक राजन कुमार ने बताया कि कई लोगों द्वारा मोबाइल नंबर बदल कर दूसरी डोज ले ली जाती है।

राज्य स्वास्थ्य समिति ने लिया संज्ञान

मृत व्यक्ति को कोरोनारोधी टीका लगाने की खबर का राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस पर संज्ञान लिया। सिविल सर्जन और डीपीएम से इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने जमुई से लौटने के क्रम में मामले की जांच की। सर्किट हाउस में सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र कुमार, जिला स्वास्थ्य प्रबंधक श्याम कुमार निर्मल से इस संबंध में पूछताछ की और सख्त कार्रवाई करने को कहा। डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया कि मामले में डाटा इंट्री आपरेटर की गलती है। डाटा इंट्री आपरेटर को हटाया जा रहा है।


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