वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में पीजी नामांकन की मेरिट लिस्ट जारी, स्नातक पार्ट वन का फार्म भरने की तारीख बढ़ी
VKSU News वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में पीजी (स्नातकोत्तर) में नामांकन के लिए जल्द की मेधा सूची जारी की जाएगी। दूसरी तरफ विवि ने स्नातक पार्ट वन सत्र 2020-23 के आनलाइन परीक्षा फार्म भरने की तिथि का विस्तार कर दिया है।
आरा, जागरण संवाददाता। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में पीजी (स्नातकोत्तर) में नामांकन के लिए जल्द की मेधा सूची जारी की जाएगी। विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि विवि की वेबसाइट पर विजिट करके नामांकन के लेटेस्ट जानकारी लेते रहे। पीजी, सत्र 2020-22 के विद्यार्थी ध्यान दें कि नामांकन की प्रक्रिया के समय ही दूसरे विवि के विद्यार्थियों का पंजीयन कराया जाएगा। छात्र कल्याण अध्यक्ष, डा. सिद्धेश्वर नारायण सिंह ने बताया कि 15 नवंबर को विवि खुलते ही पीजी में नामांकन के लिए मेधा सूची जारी करने के लिए बैठक की जाएगी। इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. केसी सिन्हा करेंगे।
उन्होंने बताया कि स्नातक के अंतिम वर्ष के रिजल्ट में त्रुटि के कारण मेधा सूची को जारी नहीं की गई थी। स्नातक के अंकपत्र जारी करने में गड़बड़ी हो गई थी। 1800 से अधिक विद्यार्थियों के अंकपत्र में सुधार के बाद दोबारा नामांकन के लिए आवेदन दिया था। वैसे विवि के विभिन्न 20 विषयों में नामांकन के लिए 17,424 आनलाइन आवेदन आए हैं। जबकि पीजी में कुल 5400 सीटों पर नामांकन होगा।
परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ी 20 तक
वीर कुंवर सिंह विवि ने स्नातक पार्ट वन सत्र 2020-23 के आनलाइन परीक्षा फार्म भरने की तिथि का विस्तार 20 नवंबर तक कर दिया। परीक्षा नियंत्रक डा. अनवर इमाम ने बताया कि पूजा अवकाश के कारण परीक्षा फार्म भरने की तिथि का विस्तार दो सौ विलंब शुल्क के साथ किया गया है। अभी तक यह तिथि 10 नवंबर तक सुनिश्चित थी।
नवंबर में होगा अतिथि शिक्षकों का सेवा विस्तार
विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। विवि प्रशासन छठ पूजा के बाद 87 अतिथि शिक्षकों की सेवा को विस्तार करेगा। सीसीडीसी कार्यालय ने कवायद शुरू की है। नवंबर माह में इसको अंजाम तक पहुंचा दिया जाएगा। अभी तक अतिथि शिक्षकों को 30 जून तक सेवा देने का निर्देश था। लेकिन बिना सेवा विस्तार के ही अतिथि शिक्षक विवि के विभिन्न कालेजों में कार्यरत है।
महाराजा कालेज में गणित विषय के अतिथि शिक्षक कमलेश कुमार ने बताया कि अतिथि शिक्षकों को दो चरणों में योगदान कराया गया था। पहले चरण में अक्टूबर 2020 और दूसरे चरण में गत फरवरी माह में योगदान कराया गया था। दोनों चरण में 30 जून तक सेवा देने का निर्देश था। उन्होंने बताया कि विवि प्रशासन प्रशासन के आश्वान के बाद अतिथि शिक्षक सभी कालेजों में कार्यरत हैं। विवि प्रशासन ने बाद में तकनीकी कारणों से सेवा विस्तार करने की जानकारी दी थी।
इधर सेवा विस्तार की मांग को लेकर विगत अगस्त माह में अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में मिला था। शिक्षा विभाग ने सेवा विस्तार के लिए खास मानक तैयार किया है। जिसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अतिथि शिक्षकों की सेवा को विस्तार करना है। इस क्रम में सीसीडीसी कार्यालय में प्रक्रिया तैयार कर ली गई है। नवंबर के तीसरे माह मेें विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा और उनकी सहमति के बाद सभी शिक्षकोंं की सेवा का विस्तार किया जाएगा।
कंप्यूटर सेंटर में दो कर्मियों का प्रवेश वर्जित
विवि प्रशासन ने कंप्यूटर सेंटर में कार्यरत दो आउटसोर्सिंग कर्मियों के प्रवेश को वर्जित किया है। हालांकि दोनों को सेवा से मुक्त नहीं किया गया है। प्रवेश वर्जित का कारण स्पष्ट नहीं बताया गया है। हटाए गए कर्मी दीप दीक्षित व आशीष देव पांडेय की नियुक्ति साप्टवेयर कंप्यूटर इंजीनिर के रूप में की गई थी। लेकिन दोनों की कार्यशैली पर परीक्षा विभाग ने असंतोष जताया था। दोनों को स्नातक रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेवारी थी। इसमें दीप दीक्षित को स्नातक पार्ट थर्ड सत्र 2017-20 के रिजल्ट तैयारे की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। परीक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो स्नातक रिजल्ट में भारी पैमाने में त्रुटि का कारण साफ्टवेयर इंजीनियर था। इसके पहले भी विवि में कार्यरत आउटसोर्सिंग एक दर्जन कर्मचारियों के हटाया जा चुका है।