जितना वायरस लोड, उतनी ही मिलेगी दवा
पीएमसीएच में प्रदेश की पहली एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) वायरस लोड लैब में सोमवार से जांच शुरू हो गई। एड्स कंट्रोल सोसायटी के परियोजना निदेशक अंशुल अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया। बताया गया कि दिल्ली महाराष्ट्र गुजरात बंगाल और दक्षिण के कुछ बड़े राज्यों में ही वायरस लोड लैब हैं।
पटना। पीएमसीएच में प्रदेश की पहली एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) वायरस लोड लैब में सोमवार से जांच शुरू हो गई। एड्स कंट्रोल सोसायटी के परियोजना निदेशक अंशुल अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया। बताया गया कि दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल और दक्षिण के कुछ बड़े राज्यों में ही वायरस लोड लैब हैं। लैब शुरू होने से अब एचआइवी संक्रमित के शरीर में न केवल वायरस की सटीक मात्रा की गणना की जा सकेगी बल्कि दी जा रही दवाओं के असर की भी जानकारी मिलेगी। इससे एचआइवी संक्रमितों के उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा और वायरस लोड के अनुसार उनकी दवाओं में बदलाव किया जा सकेगा। मौके पर पीएमसीएच प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी, अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर, माइक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. रंजन कुमार श्रीवास्तव, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डा.एनके गुप्ता, संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा, एसआरएल लैब इंचार्ज डा. दिनेश कुमार, एचआइवी वायरल लोड लैब के तकनीकी इंचार्ज डा. अजय सिंह आदि उपस्थित थे। हर छह माह में संक्रमित की करानी पड़ती जांच : एचआइवी संक्रमित में वायरस लोड बढ़ रहा है या दवा के प्रभाव से उसकी मात्रा कम हो रही है, इसके लिए हर छह माह में वायरस लोड जांच कराई जाती है। अभी तक जांच के लिए संक्रमितों के नमूने मुंबई भेजे जाते थे। रिपोर्ट आने में 15 दिन से अधिक समय लगता था। इस लैब के शुरू होने से राज्य के सभी एआरटी केंद्रों में पंजीकृत एचआइवी संक्रमितों की न केवल निश्शुल्क जांच होगी बल्कि 9 घंटे में सेंटर को रिपोर्ट भी भेज दी जाएगी। ---------------------- प्रदेश में एचआइवी संक्रमित आंकड़ों में :
- 62 हजार के करीब है प्रदेश में एचआइवी संक्रमित या एड्स के मरीज। - 4500 के करीब एचआइवी संक्रमित पंजीकृत है पीएमसीएच के एआरटी सेंटर में। - 27 एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) केंद्र हैं प्रदेश में संक्रमितों की देखरेख के लिए।