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बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में संवरेगी चिकित्सा व्यवस्था की सूरत, स्वास्थ्य मंत्री ने दी बड़ी सौगात

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था की सूरत को और भी संवारने के लिए 91 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस राशि से 767 स्वास्थ्य केन्द्रों को आधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस किया जायेगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 05:43 PM (IST)
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में संवरेगी चिकित्सा व्यवस्था की सूरत, स्वास्थ्य मंत्री ने दी बड़ी सौगात
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था की सूरत को और भी संवारने के लिए 91 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस राशि से 767 स्वास्थ्य केन्द्रों को आधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस किया जायेगा। पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की यह नई सौगात है।

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि विशेषकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सूरत और सीरत दोनों बदलने जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि बहुत जल्द गांव में रहने वाले लोगों को उनके आसपास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वे सारी सुविधाएं मिल जाएं, जो किसी शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है। 

91 करोड़ की राशि खर्च करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति

उन्होंने कहा कि राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आधुनिक मेडिकल उपकरण की खरीद के लिए करीब 91 करोड़ की राशि खर्च करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 239 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 528 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक मेडिकल उपकरण से लैस करने का निर्णय किया है। इसके साथ इन स्वास्थ्य केंद्रों पर नये फर्नीचर भी लगाएं जाएंगे। ताकि ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक उपचार बेहतर तरीके से संभव हो सके।

अधिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जाए

पांडेय ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि राजधानी समेत प्रदेश के सुदूर इलाकों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी अधिक से अधिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जाए। इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग की पहल पर प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की गई है। जिससे अब गांव में रहकर ही शहर के उत्कृष्ट चिकित्सकों से निःशुल्क सलाह प्राप्त किया जा सकता है। बहुत शीघ्र ही ग्रामीण चिकित्सा अन्य राज्यों के लिए रोल माॅडल साबित होगी।


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