22 दिनों पहले वैक्सीन लेने वाले पटना के मेडिकल स्टूडेंट की कोरोना से मौत, स्वास्थ्य सचिव ने कही बड़ी बात
पटना के एनएमसीएच के मेडिकल स्टूडेंट की कोरोना से मौत के मामले में अपडेट यह है कि उसने 22 दिनों पहले कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया था। कॉलेज के कई अन्य मेडिकल छात्र भी काेरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव ने स्थिति स्पष्ट की है।
पटना, जागरण संवाददाता। पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NMCH) के फाइनल ईयर के छात्र शुभेंदु सुमन की कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus Infection) से मौत के मामले में नई बात सामने आई है। उसने मौत से 22 दिनों पहले फरवरी के पहले सप्ताह में कोरोना की वैक्सीन ली थी। घटना के बाद एनएमसीएच के कोरोना संक्रमित छह छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो अन्य संक्रमित छात्र घर चले गए हैं। छात्रावास में रहने वाले सभी छात्र-छात्राओं के जांच सैंपल लिए जा रहे हैं। कॉलेज स्तर की सभी परीक्षाएं अगले आदेश तक के लिए रोक दी गईं हैं। इस बीच बिहार के स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन लेने के छह सप्ताह बाद ही एंटीबॉडी बनती है, इसलिए इस बीच संक्रमण की आशंका बनी रहती है।
वैक्सीन लेने के 22 दिनों बाद कोरोना से निधन
मिली जानकारी के अनुसार 23 साल के मेडिकल छात्र शुभेंदु सुमन ने 22 दिन पहले फरवरी के पहले सप्ताह में वैक्सीन का पहला डोज लिया था। इसके बाद वह एनएमसीएच के न्यू बॉयज हॉस्टल में था। इस बीच तबीयत बिगड़ने पर जब 25 फरवरी को जांच की गई, तब वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद वह बेगूसराय स्थित अपने घर चला गया। वहीं एक स्थानीय अस्पताल में सोमवार की शाम में उसका निधन हो गया।
पांच संक्रमित छात्र अस्पताल में, दो होम कोरंटाइन
बुधवार को एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो ने बताया कि घटना के बाद एनएमसीएच में कोरोना जांच के क्रम में मिले हॉस्टल में रहने वाले संक्रमित छह छात्रों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। दो अन्य संक्रमित छात्र स्वेच्छा से होम कोरनटाइन में चले गए हैं। उन्हें भी अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। एक अन्य छात्र पॉजिटिव होने के बावजूद ए सिंप्टोमेटिक है। एक संक्रमित छात्रा की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव भी हो गई है। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में भर्ती संक्रमित छात्रों की हालत पहले से बेहतर है।
कॉलेज स्तर पर परीक्षाएं स्थगित, सैनिटाइजेशन जारी
प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो ने बताया कि कॉलेज के दो न्यू और एक ओल्ड बॉयज छात्रावास तथा गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं की कोरोना जांच के सैंपल कॉलेज में ही लिए जा रहे हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। इस बीच कॉलेज स्तर पर होने वाली सभी परीक्षाएं अगले आदेश तक के लिए टाल दी गईं हैं। छात्रावासों को सैनिटाइज करने का काम जारी है।
संपर्क में आए सभी लोगों की होगी कोरोना जांच
इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एनएमसीएच पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोराना पॉजिटिव हुए सभी छात्रों के सैंपल जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के माध्यम से भुवनेश्वर भेजे जाएंगे। जांच के बाद कोरोना के स्ट्रेन का भी पता चलेगा। प्रधान सचिव ने कहा कि बेगूसराय के जिला अधिकारी से बात की गई है। मृतक छात्र के निवास वाले क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन में तब्दील करने को कहा गया है। उसके संपर्क में आने वाले सभी छात्र-छात्राओं व अन्य लोगों की कोरोना जांच कराई जाएगी। वह छात्र कटिहार और लखीसराय भी गया था। वहां भी उसके संपर्क में आए लोगों की जांच कराई जाएगी।
वैक्सीन लगाने के छह सप्ताह के बाद बनती है एंटीबॉडी
एनएमसीएच के कोरोना संक्रमित पाए गए कुछ छात्र वैक्सीन का पहला डोज ले चुके हैं। मृतक छात्र भी वैक्सीन का पहला डोज ले चुका था। इस बाबत बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि केवल एक डोज लेने से ही कोई सुरक्षित नहीं हो जाता है। 28 दिनों बाद दूसरा डोज लेने और इसके 14 दिन बीतने के बाद ही शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित होती है। इस दौरान पूरी सतर्कता बरतनी पड़ती है। मास्क लगाना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना और शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करना जरूरी है।