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सदर अस्‍पताल से पीएचसी तक भेजे गए मेडिकल उपकरण, कोरोना की तीसरी लहर से पहले बिहार में तैयारी शुरू

बिहार में पांच श्रेणी में अस्पताल बांट शुरू हुई उपकरणों की आपूर्ति तीन अधिकारियों की टीम को उपकरणों की मानीटरिंग का जिम्मा उपकरणों ने धोखा दिया तो दोषी पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए तैयारी शुरू

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 07:05 AM (IST)
सदर अस्‍पताल से पीएचसी तक भेजे गए मेडिकल उपकरण, कोरोना की तीसरी लहर से पहले बिहार में तैयारी शुरू
कोरोना की तीसरी लहर के लिए बिहार में तैयारी शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप जरूर कम हुआ है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका अब भी बनी हुई है। वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सलाह को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर में मद्देनजर अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं रखना चाहता। लिहाजा मेडिकल कालेज अस्पतालों को छोड़, शेष अस्पतालों को पांच श्रेणी में बांट उपकरणों की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है।

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विभाग ने जारी की गाइड लाइन

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोरोना के अब तक के हालात का अध्ययन करने और विशेषज्ञों-वैज्ञानिकों की सलाह पर कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अस्पतालों को हर सुविधा से लैस करने की गाइड लाइन जारी की है।

पांच श्रेणी में बांटे गए अस्पताल

गाइड लाइन के मुताबिक अस्पतालों को पांच श्रेणी में बांटा गया है। इनमें सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया है। 

जल्द मिलेंगे कई नए उपकरण

गाइड लाइन में स्पष्ट किया गया है कि पूर्व में भी जिलों के अस्पतालों को कोविड को देखते हुए कई उपकरणों की आपूर्ति की गई है। इनके अलावा आने वाले दिनों में अस्पतालों को और उपकरण दिए जाएंगे। जिनमें मुख्य रूप से आक्सीजन कंसंट्रेटर, बी और डी-टाइप आक्सीजन सिलेंडर के अलावा बाइपैप मशीनें हैं।

टीम को मानीटरिंग की जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को पूर्व में दिए गए और नए भेजे जाने वाले उपकरणों की मानिटरिंग के लिए तीन अफसरों को जवाबदेही सौंपी है। उपकरण चालू हालात में रहें यह दायित्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सौंपा गया है। उनके काम में असैनिक शल्य चिकित्सक और अनुमंडल दंडाधिकारी स्तर के अफसर को भी लगाया गया है। सरकार ने साफ किया है कि उपकरणों ने यदि धोखा दिया या इनमें किसी प्रकार की गड़बड़ हुई तो दोषी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

जिलों को अब तक दिए गए उपकरण

आक्सीजन कन्संट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर, बाइपैप मशीन, एक्स-रे मशीन, पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, कार्डियक मशीन, पल्स आक्सीमीटर, आक्सीजन फ्लोमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर, ह्वील चेयर, टू्र-नेट मशीन और आरटी-पीसीआर मशीन।


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