सामाजिक दायित्व के जरिये चैंबर दिखा रहा स्वावलंबन की राह
महिलाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है और प्रशिक्षण देने के लिए उनसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता।
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज अपने सामाजिक दायित्व के जरिये महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखा रहा है। इसके लिए चैंबर के अंटा घाट स्थित अपने प्रांगण में ही कौशल विकास केंद्र स्थापित किया है। इसमें महिलाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। खास यह कि इस केंद्र के संचालन में चैंबर सरकार अथवा अन्य किसी संस्थान की मदद नहीं लेता। प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं से भी किसी भी तरह का शुल्क भी नहीं लिया जाता है। केंद्र के संचालन का पूरा खर्च चैंबर से जुड़े उद्यमी ही वहन करते हैं।
वर्ष 2014 में हुई थी शुरुआत
इस केंद्र की शुरुआत आठ फरवरी 2014 को हुई थी। चैंबर के तत्कालीन अध्यक्ष पीके अग्रवाल की ओर से इसके लिए पहल की गई थी। चैंबर के सदस्यों ने इसका पुरजोर समर्थन किया था। दो दिन बाद यानी दस फरवरी हो ही प्रथम बैच का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया था। कुल 68 महिलाएं इसमें शामिल हुईं थीं। शुरुआत में सिलाई -कढ़ाई ट्रेड में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें 12 तरह की सिलाई शामिल है। फिलहाल सिलाई-कढ़ाई का 14वां बैच चल रहा है।
कंप्यूटर ट्रेड भी हुआ शामिल
14 अप्रैल 2015 को इस केंद्र में महिलाओं के लिए कंप्यूटर ट्रेड में भी प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। इसके लिए अलग से कंप्यूटर कक्ष स्थापित किया गया। जून 2015 में पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू हुआ। फिलहाल 14वां बैच यहां प्रशिक्षण ले रहा है। अलावा यहां मेंहदी कला ट्रेड में भी यहां प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। इस ट्रेड में आठवां बैच प्रशिक्षण ले रहा है।
2000 से अधिक महिलाओं को मिला प्रशिक्षण
अब तक सिलाई ट्रेड में 1114, कंप्यूटर में 530, और मेंहदी कला में 500 महिलाएं प्रशिक्षण ले चुकी हैं। इनमें से अधिकांश महिलाएं किसी न किसी संस्थान से जुड़ कर जॉब कर रही हैं जबकि शेष अपना खुद का कार्य कर रही हैं। चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि कुछ जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन भी दी गई है जिससे वे अपना काम आगे बढ़ा सकें।