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राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः पटना अपना है तो संवारेंगे भी हम ही

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, प्रहरी, तरुमित्र, लायंस क्लब, नासवी आदि सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजधानी को बेहतर बनाने के अपने अनुभवों को साझा किया।

By Gaurav TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 06:16 AM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 06:16 AM (IST)
राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः पटना अपना है तो संवारेंगे भी हम ही

जागरण संवाददाता, पटना : सरकार, एजेंसी और शहरवासी एक साथ पहल करेंगे तो पटना को इंदौर बनते देर नहीं लगेगी। राजधानी को उसका वास्तविक हक दिलाने के लिए सभी को मदद का हाथ बढ़ाना होगा। शहर अपना है तो इसे संवारने की जवाबदेही भी हमारी ही है। ये बातें दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित 'माय सिटी माय प्राइड’ अभियान के राउंड टेबल कांफ्रेंस (आरटीसी) में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने कही। इस दौरान माय सिटी माय प्राइड के सर्वे के परिणामों पर भी चर्चा की गई।

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बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, प्रहरी, तरुमित्र, लायंस क्लब, नासवी आदि सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजधानी को बेहतर बनाने के अपने अनुभवों को साझा किया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार और नगर निगम की भी अपनी सीमा है। शहरवासी संबंधित एजेंसियों को समय-समय पर उनके दायित्व को बोध कराएंगे तो मामला बहुत हद तक दुरुस्त हो जाएगा। हर व्यक्ति के पास सोसाइटी को बेहतर बनाने के लिए कुछ-न-कुछ हुनर है। जिनके पास विद्या है वह गरीब बच्चों को अच्छी तालीम के लिए मार्गदर्शन दे सकते हैं। महिला सुरक्षा आज सबसे बड़ा मामला है। आखिर हम सभी सजग हो जाएंगे तो यह मामला स्वत: समाप्त हो जाएगा। युवा उद्ययमियों को प्रोत्साहन देने से रोजगार देने वाला शहर पटना भी बन सकता है। एक दशक में ढांचागत सुविधाओं में काफी विकास हुआ है, लेकिन निर्माण अवधि और गुणवत्ता की मॉनीटरिंग अनिवार्य है।

एक-दूसरे के सम्मान से बनेगी बात
पटना को बेहतर शहर बनाने के लिए हमारे पास सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बस हमें एक-दूसरे के काम का सम्मान करते हुए, जरूरतमंद को सहयोग करना है। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कई प्रोग्राम के माध्यम से इसे पूरा कर रहा है। अभियान के तहत डॉक्टर और जरूरतमंदों को एसोसिएशन मंच प्रदान कर रहा है। सोसाइटी की सेवा में जुड़े डॉक्टरों को हर साल सम्मानित करने के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस साल भी 80 चिकित्सक सम्मानित किए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए औद्योगिक क्षेत्र में 75,000 पौधे लगाए जा रहे हैं। युवाओं की उद्यमिता को तराशने के लिए इक्यूवेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।
मनीष कुमार तिवारी, बिहार इंस्डस्ट्रीज एसोसिएशन

हमें खुद सजाना-सवांरना होगा शहर
जागरण की माय सिटी माय प्रायड पहल बेहतरीन है। इसके माध्यम से सोसाइटी की जरूरतें फिल्टर हो रही हैं। लायंस क्लब बच्चों की शिक्षा सहित विविध गतिविधियों से सोसाइटी और शहर को सजाने-सवांरने का काम कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण और जीवन में वृक्ष के महत्व को बताने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र से शहर में आने वाले गरीब बच्चे बेहतर माहौल में रहकर पढ़ाई करें। इसकी योजना बनाई जा रही है।
सुजय सौरभ, उपाध्यक्ष, लायंस क्लब पटना

कर्तव्य बोध के लिए प्रेशर ग्रुप अनिवार्य
सरकार और जिम्मेवार को समय-समय पर कर्तव्य बोध कराने की दरकार होती है। इसके लिए प्रेशर ग्रुप का होना अनिवार्य है। आरटीआई, आरटीई तथा इस तरह के कई कानून प्रेशर ग्रुप की सक्रियता के कारण ही बने हैं। स्कूलों में कुछ बच्चों के बीच बिस्कुट, टॉफी और पाठ्य-पुस्तकों के वितरण से बात नहीं बनेगी। वादा न तोड़ो अभियान के माध्यम से लोगों को अपने अधिकार के लिए सजग किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार को उसके दायित्व का बोध कराने के लिए नियमित अंतराल पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रमोद कुमार सिंह, सदस्य, वादा न तोड़ो अभियान

संवार रहे गरीब बच्चों का भविष्य
राजधानी के स्लम में रहने वाले बच्चों को स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं के माध्यम से ही पढ़ाई कराई जा रही है। इससे दोनों को लाभ हो रहा है। राष्ट्रीय पर्व के दौरान आसपास के लोगों की मदद से स्लम क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को दिवस विशेष की महत्ता बताई जाती है। बारिश के मौसम में पौधरोपण काफी होता है, लेकिन देखरेख के अभाव में चंद माह बाद काफी कम दिखते हैं। पौधों को दीघार्यु बनाने के लिए एनसीसी, एनएसएस के माध्यम से संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। प्रहरी संस्था जरूरतमंद को विगत तीन दशक से मंच प्रदान कर रहा है।
बीरेंद्र कुमार शर्मा, अध्यक्ष, प्रहरी

लगाई जाएगी सेनेटरी पैड की वेंडिंग मशीन
महिलाओं और छात्राओं की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए स्कूल-कॉलेज, कार्यालय तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर वेंडिंग मशीन लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। पांच रुपये में ही सेनेटरी पैड उपलब्ध होगा। स्कूल-कॉलेज की ज्यादातर छात्राएं समय पर सेनेटरी पैड उपलब्ध नहीं होने के कारण बीमार होती हैं। इससे उनकी पढ़ाई और कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। इसे लेकर बच्चों और महिलाओं में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। छोटी-छोटी पहल से ही समाज में बड़ा बदलाव होता है।
रीता सिन्हा, अध्यक्ष, लायंस क्लब अचीवर्स

चैंबर ऑफ कॉमर्स कर रहा स्किल डेवलपमेंट
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स महिला और बच्चों में स्किल डेवलपमेंट के लिए कई स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। कंप्यूटर, सिलाई-बुनाई, ब्यूटीशियन आदि कोर्स से हजारों महिलाएं लाभांवित हो चुकी हैं। संस्था के केंद्र बिंदु में आधारहीन महिलाएं और बच्चे हैं। इनके प्रोत्साहन के लिए समय-समय पर विविध कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। इनके रोजगार की व्यवस्था भी बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य अपने स्तर से करते हैं। इन कार्यों को पूरा करने के लिए बाहरी सहयोग नहीं लेते हैं। सदस्यों के अंशदान से परिवार को खुशहाल बनाने का काम किया जा रहा है।
अरिंदम सिंह, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स

पटना को ग्रीन बनाने का अभियान
18 वर्षों से पटना को ग्रीन फील्ड बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को जैविक खेती की जानकारी दी जा रही है। शहर को स्वच्छ और स्वस्थ कैसे बनाएं, पर्यावरण संरक्षण जीवन के लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं जैसे मसलों पर बच्चे जागरूक हो रहे हैं। शहर के कई इलाकों में विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के सहयोग से पौधरोपण किया गया। संस्थान राजधानी के बच्चों को खेती की बारीकियों से भी रूबरू करा रही है।
शशि कुमार, तरुमित्र

डॉक्टरों के साथ मरीजों का भी ख्याल
चिकित्सकों की परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ आइएमए जरूरतमंदों के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को भी समय-समय पर दूर करता है। अपने स्तर से भी शिविर लगाकर वृद्ध और अस्वस्थ लोगों को ठीक करने की दिशा में नियमित कार्य किए जा रहे हैं। संस्थान शहर के डॉक्टरों की टीम बनाकर वृद्धजनों के स्वास्थ की देखभाल के लिए भी योजना बना रही है। विभिन्न दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाता है।
डॉ. ब्रजनंदन कुमार, आइएमए

फुटपाथी दुकानदारों को कर रहे प्रशिक्षित
शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने में फुटपाथ के किनारे ठेला, खोमचा आदि लगाकर फल और सब्जी बचने वालों की महती भूमिका है। गंदगी सहित तमाम दुश्वारियों को कम करने के लिए इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। वेंडिंग जोन पर संस्था 1998 से काम कर रही है। बोरिंग रोड चौराहा, हड़ताली मोड़, राजवंशी नगर सहित 14 जगहों पर वेंडिंग जोन पास हो चुका है। 2004 में ही वेंडिंग जोन के लिए स्थान चिह्नित करने की योजना बनी थी। लेकिन, इसे 2018 में अमलीजामा पहनाया जा रहा है। संस्था लोगों को बगैर किसी दुश्वारी के सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है।
दीपक, नासवी

छात्राओं को सिखाई जा रही आत्मरक्षा
माय सिटी माय प्राइड अभियान में पटना को सबसे कम अंक सेफ्टी में ही मिले हैं। हमारी संस्था सेफ्टी और खासकर महिला सेफ्टी के क्षेत्र में काम कर रही है। महिलाओं और छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए संस्थान पिछले कुछ वर्षों से नियमित अभियान चलाकर प्रशिक्षण दे रहा है। आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है। राजधानी के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग नियमित तौर पर दी जा रही है। इसके साथ-साथ फाउंडेशन पर्यावरण संरक्षण पर भी काम कर रहा है।
जयशंकर सिंह, मां प्रेमा फाउंडेशन


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