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राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः कॉरपोरेट और पूंजीपतियों का वर्चस्व खत्म करे सरकार, डॉक्टर ईमानदारी से करें काम

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) वर्ष 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल हो जाएगा।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 06:00 AM (IST)
राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः कॉरपोरेट और पूंजीपतियों का वर्चस्व खत्म करे सरकार, डॉक्टर ईमानदारी से करें काम

राजधानी की स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की दिशा में दैनिक जागरण की कोशिश रंग लाती दिख रही है। शनिवार को दैनिक जागरण कार्यालय में माय सिटी-माय प्राइड अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा के लिए आयोजित राउंड टेबल कांफ्रेंस (आरटीसी) में न केवल समस्याओं पर मंथन हुआ बल्कि समाधान की दिशा में भी कारगर कदम उठाए गए।

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महावीर मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने कार्यक्रम में ही वृद्धों के लिए विशेष अस्पताल खोलने की घोषणा की तो बिहार रेडक्रास सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. विजय बहादुर सिन्हा ने जल्द ही राजधानी में वार्डवार हेल्थ सेंटर खोलने की जानकारी दी। पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने पीएमसीएम में शुरू होने वाली कई नई योजनाओं की जानकारी दी।

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सबसे बड़ी बात थी जागरण के इस फोरम पर न सिर्फ अहम घोषणाएं की गईं बल्कि इन बिंदुओं को भी रेखांकित किया गया कि कैसे स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा सकता है। इसमें सरकारी एवं निजी संगठनों की भूमिका को रेखांकित करते हुए सभी ने पूरी जिम्मेवारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने की बात कही।

बेहतरी की बात चली तो शहर से सुदूर ग्रामीण इलाकों तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने का संकल्प लिया गया। करीब ढाई घंटे तक चली परिचर्चा में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी का एक ऐसा रोडमैप तैयार हुआ जो आने वाले दिनों में स्वस्थ पटना और स्वस्थ बिहार के निर्माण में सहायक होगा।

कार्यक्रम में दैनिक जागरण की ओर से मुख्य महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी और समाचार संपादक भारतीय बसंत कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें माय सिटी-माय प्राइड अभियान से जुड़ी जानकारियां दीं। सभी विशेषज्ञों ने जागरण की इस पहल को मुक्तकंठ से सराहा।

हेल्थ सेक्टर में कॉरपोरेट और पूंजीपतियों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। इससे इलाज महंगा होता जा रहा है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। स्वास्थ्य सेवा में पूंजीपतियों का वर्चस्व तोडऩा जरूरी है। केंद्र सरकार को स्वयंसेवी संस्था के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। अभी एक रुपया अनुदान भी किसी स्वयंसेवी संस्था को नहीं मिलता।

महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मंदिर न्यास समिति की तरह कई संस्थाएं हैं, जो अच्छा काम कर रही। जरूरत उन्हें प्रोत्साहित करने की है। इससे सरकार को ही फायदा होगा और सरकारी अस्पतालों का बोझ कम होगा। इस मामले में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। राज्य सरकार के सहयोग से कैंसर हॉस्पिटल सहित कई अस्पतालों में मरीजों को नई-नई सुविधाएं मिल रही हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल बनेगा पीएमसीएच
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) वर्ष 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल हो जाएगा। अस्पताल में 5000 बेड की व्यवस्था होगी। इसके अलावा यहां पर जल्द ही 200 बेड की इमरजेंसी प्रारंभ की जाएगी।

वर्तमान में पीएमसीएच में 100 बेड की इमरजेंसी है। अस्पताल में इस वर्ष के अंत तक किडनी एवं कॉर्निया प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद है। अब किडनी एवं कार्निया प्रत्यारोपण के लिए राज्य के मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। 17 जुलाई से पीएमसीएच में कैंसर मरीजों की सेंकाई पूरी तरह से मुफ्त होगी।

डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की जरूरत
बिहार रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. विनय बहादुर सिन्हा ने कहा कि शहर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा शुरू करने के लिए जरूरी है कि चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाए। चिकित्सकों के अभाव में बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना मुश्किल है। इसके साथ ही चिकित्सकों में भी सेवा की भावना पैदा करनी होगी।

मरीजों के प्रति समर्पण से ही कोई भी चिकित्सक उन्हें बेहतर सेवा प्रदान कर सकता है। जब चिकित्सक सेवा भावना से काम करेंगे तो लोग भी सहयोग करने के लिए आगे आएंगे। खासकर गांवों में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करनी बहुत जरूरी है।

पीएचसी स्तर पर मुहैया कराई जाएं सुविधाएं
महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक डॉ. एसएस झा ने कहा कि पटना के अस्पतालों पर मरीजों का भारी दबाव है। यहां आधे से अधिक मरीज आसपास के जिलों और गांवों से आते हैं। अगर किसी व्यक्ति का इलाज प्रखंड स्तर पर ही हो जाएगा, तो वह पटना के अस्पतालों की गुणवत्ता में काफी सुधार आएगा। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को सुदृढ़ करना होगा। जिला स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को विकसित करने की जरूरत है।

साफ-सफाई रख बचना होगा बीमारियों के डंक से
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. हरिहर दीक्षित ने कहा कि स्वस्थ रहने का सबसे सरल उपाय बीमारियों के प्रति पहले से सजगता बरतना भी है। पटना को भी इस मोर्चे पर काम करने की जरूरत है। साफ-सफाई रखकर हम कई बीमारियों के प्रकोप से बच सकते हैं।

खासकर मच्छरजनित बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां जड़ से खत्म की जा सकती हैं। इन बीमारियों को सिर्फ अस्पताल बनाने से नहीं रोका जा सकता बल्कि जागरूकता लाकर कारगर कदम उठाए जा सकते हैं। सरकार को शहर की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।

डॉक्टर और मरीज के बीच बेहतर संबंध जरूरी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. ब्रजनंदन कुमार ने कहा कि हर मर्ज की दवा डाक्टर ही नहीं है। आजकल डॉक्टरों से लोगों की अपेक्षा दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। लोग मरीज की स्थिति नहीं देखते और डॉक्टर पर बचाने के लिए दबाव बनाने लगते हैं। डॉक्टर हर संभव मरीज को बचाने का प्रयास करता है, परन्तु किसी कारण मरीज की मौत होने पर हंगामा शुरू हो जाता है। ऐसे में मरीज एवं डॉक्टरों के बीच बेहतर संबंध बनाने की जरूरत है ताकि दोनों एक-दूसरे की भावना का समझ सके। तभी स्वस्थ समाज की रचना की जा सकती है।

मोहल्ला क्लीनिक का विकास हो
इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. एके झा राजधानी में बड़े अस्पतालों के विकास के साथ-साथ मोहल्ला क्लीनिक विकसित करने की जरूरत है। इससे मरीजों को काफी सुविधा होगी। मरीज आसानी से अपने मोहल्ले के क्लीनिक में इलाज करा लेगा। अगर कोई गंभीर बीमारी पकड़ में आती है तो उसे मेडिकल कॉलेजों एवं अन्य बड़े अस्पतालों में जाने की जरूरत होगी। वर्तमान में सर्दी-खांसी के इलाज के लिए भी लोग पीएमसीएच में घंटों लाइन में लगे रहते हैं। पीएमसीएच का बोझ कम करने के लिए जरूरी है कि मोहल्ला क्लीनिक विकसित किया जाए।

अस्पतालों में हो समुचित संसाधन
पीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार शर्मा का कहना था कि डॉक्टर मरीजों का इलाज करना चाहते हैं, लेकिन संसाधनों का अभाव कई बार डॉक्टरों का हाथ बांध देता है। अगर सरकार अस्पतालों में आवश्यक संसाधन मुहैया कराए तो मरीजों को बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है। पीएमसीएच में गांव-गांव से बच्चे इलाज के लिए आते हैं। उनकी स्थिति काफी गंभीर होती है। उनके लिए नई मशीनों की जरूरत होती है। अगर सरकार देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों की तरह पीएमसीएच को भी विकसित करे तो सूबे के मरीजों के लिए अस्पताल वरदान साबित होगा।

जागरूकता पर जोर देने की जरूरत
मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष कुमार ने कहा कि लोगों की बीमारियों के इलाज करने के साथ-साथ उन्हें जागरूक करने की जरूरत है। हर व्यक्ति जागरूक होगा तो बहुतहद तक बीमारियों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। बीमार मरीजों के लिए इलाज जरूरी है, लेकिन कोशिश यह होनी चाहिए की कोई बीमार ही न हो। इसके लिए समय-समय जांच अभियान चलाते रहने की जरूरत है। इससे बीमारी प्रारंभिक अवस्था में ही पकड़ में आ जाएगी और मरीज को आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसमें सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं भी प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं।

अहम घोषणाएं
- 5000 बेड का अस्पताल होगा पीएमसीएच
- राज्य में जल्द खुलेंगे दस मेडिकल कॉलेज
- जिलों में सीटी स्कैन, डायलिसिस व एमआरआइ जांच की सुविधा
- शहर के सभी वार्डों में स्वास्थ्य जांच सेंटर
- पटना के सभी हेल्थ सेंटरों पर विशेष सुविधाएं
- वृद्ध मरीजों के इलाज के लिए महावीर न्यास का नया अस्पताल
- हार्ट मरीजों के इलाज के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा
- 18 से 35 वर्ष के कैंसर मरीजों को मुफ्त इलाज की व्यवस्था

अहम सुझाव
- पीएचसी स्तर पर बढ़ाई जाएं सुविधाएं
- अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की हो तैनाती
- डॉक्टर पूरी ईमानदारी से पेश करे सेवा की मिसाल
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूंजीपतियों का खत्म हो वर्चस्व
- शहर में अधिक से अधिक ट्रॉमा सेंटर बनाए जाएं
- दवाओं के दुष्परिणाम को लेकर फैलाएं जागरूकता


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