फोरमः आइए, पटना को और बेहतर बनाते हैं
गुरुवार को राजधानी के होटल मौर्या के अशोका हॉल में अपराह्न तीन बजे फोरम शुरू होगा। इसमें शहर को बेहतर बनाने के लिए कई घोषणाएं की जाएंगी।
जागरण संवाददाता, पटना। अब बात बीते कल की नहीं होगी। न ही समस्या की होगी। बात होगी सिर्फ समाधान की। शहर को और बेहतर बनाने की। मंत्री, मेयर, विधायक, डीएम, डीआइजी, कुलपति, अफसर, शिक्षाविद्, डॉक्टर, समाजसेवी, कारोबारी सभी एक मंच पर होंगे। ये मंच होगा दैनिक जागरण के माय सिटी माय प्राइड अभियान के फोरम का। गुरुवार को राजधानी के होटल मौर्या के अशोका हॉल में अपराह्न तीन बजे फोरम शुरू होगा। इसमें शहर को बेहतर बनाने के लिए कई घोषणाएं की जाएंगी।
उपमुख्यमंत्री के साथ दो मंत्री करेंगे शिरकत
सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव और नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। उनके साथ मेयर सीता साहू, बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा, विधायक नितिन नवीन, अरुण कुमार सिन्हा, श्याम रजक, आशा देवी, डीएम कुमार रवि, डीआइजी राजेश कुमार, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एनके अग्रवाल, पूर्व डीजीपी अभ्यानंद के साथ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज व बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कई पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
दो जुलाई को शुरू हुआ था अभियान
दैनिक जागरण का माय सिटी माय प्राइड अभियान दो जुलाई को देश के 10 शहरों में एक साथ शुरू हुआ। इसमें पटना के साथ लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, लुधियाना, इंदौर, रांची, लुधियाना और रायपुर शहर शामिल है।
तीन चरणों में चला अभियान
माय सिटी माय प्राइड अभियान के पहले चरण में शहर की समस्याओं को पहचाना गया। डिजिटल कार्ययोजना बनाई गई। शहर की सुविधाओं पर ऑनलाइन और मैदानी सर्वेक्षण कर नागरिकों की राय ली गई। उनका विश्लेषण भी सामने रखा गया।
दूसरे चरण में नागरिक सहभागिता से शहर की प्रमुख समस्याओं के व्यावहारिक समाधान तलाशे गए। ऑनलाइन विचारों के साथ हर शनिवार को राउंड टेबल कांफ्रेंस (आरटीसी) का आयोजन हुआ। इसमें हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, इकोनॉमी और सेफ्टी पिलर से जुड़े रियल हीरो, विशेषज्ञ, सरकारी अफसर, स्वयंसेवी संस्थाएं, समाजसेवी आदि शामिल हुए।
तीसरे चरण में शहर की बेहतरी के लिए मुद्देवार क्रियाशील योजना बनाई गई। समस्याओं के समाधान के लिए शहर की संस्थाएं आगे आईं।