अगली बारिश में बिहार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल को तालाब बनने से रोकने के लिए करें क्लिक
राजधानी में मानसून की पहली भारी बारिश में रविवार की सुबह शहर की लाइफलाइन 'बेली रोड' का एक लेन धंस जाने के कारण यातायात बंद कर दिया गया।
इस बार की बारिश में एक बार फिर पटना में जल-जमाव का नजारा दिखा। शहर के निचले इलाकों में कई फीट तक पानी भर गया। राज्य के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आईसीयू तक में गंदा पानी घुस गया। वार्डों में मरीज बेड पर लेटे थे और नीचे फर्श पर बहते पानी में कीड़े रेंग रहे थे। हालत ये थी कि अस्पताल परिसर में भरे पानी में मछलियों को तैरते हुए देखा जा सकता था।
सूबे के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक नालंदा अस्पताल की स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। अस्पताल की हालत हर साल बरसात के मौसम में ऐसी हो जाती है। जब राज्य के अस्पतालों का परिसर तालाब बन जाता है। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार के साथ नागरिकों के स्तर पर भी प्रयास करने होंगे।
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यह हाल पूरे पटना का है। भारी बारिश के कारण नगर के निचले इलाके जलमग्न हैं। पटना की जीवन रेखा मानी जानी वाली सड़क 'बेली रोड' का एक भाग धंस गया। हाल यह है कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के सरकारी आवास में भी पानी घुस गया।
तालाब बना अस्पताल
भारी बारिश से पटना में जल-जमाव हो गया है। एनएमसीएच तो तालाब बन गया। ऊपर मरीज बेड और स्ट्रेचर पर हैं और नीचे फर्श पर पानी बह रहा है। डॉक्टर-नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी पानी के बीच मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं। अस्पताल में यह हाल केवल ओपीडी या वार्डों का ही नहीं, आईसीयू का भी है। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बने आईसीयू में भी पानी है।
नालंदा अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीज आते हैं। लेकिन, अस्पताल में जल-जमाव के कारण उनका इलाज बुरी तरह प्रभावित होता है। राहत की बात यह है कि सोमवार को अस्पताल से पानी निकालने का काम आरंभ हुआ।
पटना में जगह-जगह जल-जमाव से परेशानी
यह हाल केवल एनएमसीएच तक सीमित नहीं। दरअसल, पटना में जगह-जगह सम्प हाउस के ठीक से काम नहीं करने के कारण पानी का समुचित निकास नहीं हो पा रहा है। नगर निगम का पूरा तंत्र मूसलाधार बारिश के आगे बेबस नजर आ रहा है। अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर से लेकर सड़क और गली तक जलमग्न हो गए हैं। कई इलाकों में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। दुकान, मकान और गोदाम तक में पानी प्रवेश कर गया है।
एनएमसीएच के आसपास स्थित फार्मेसी कॉलेज, टीबी सेंटर, अस्पताल मार्ग, बीएनआर मोड से लेकर सुल्तानगंज और महेन्द्र ट्रेनिंग स्कूल के समीप अशोक राजपथ, कृषि बाजार समिति मुसल्लहपुर, गुलजारबाग व मीनाबाजार मंडी, वाचस्पति नगर, बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट नगर, रेलवे लाइन के दक्षिण में कई मोहल्ले जलमग्न हैं।
नाला और सड़क का फर्क समाप्त
सैदपुर-रामपुर नाला के दोनों किनारों की बदहाल सड़क लोगों के लिए जानलेवा बन गई है। बारिश के चलते नाला उफनकर सड़क पर बहने लगा। नाला और सड़क के पानी से लबालब हो जाने के कारण दोनों के बीच का फर्क समाप्त हो गया। इससे वाहनों और लोगों के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया।
मुसल्लहपुर स्थित बाजार समिति मंडी भी तालाब में तब्दील हो गयी। परिसर से पानी का निकास नहीं होने के कारण पानी दुकानों और गोदामों में प्रवेश कर गया है। यहां का कारोबार पूरी तरह से बाधित हो गया है।
बारिश से धंसी बेली रोड
राजधानी में मानसून की पहली भारी बारिश में रविवार की सुबह शहर की लाइफलाइन 'बेली रोड' का एक लेन धंस जाने के कारण यातायात बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने घटना के साथ इलाके में भूजल स्तर की जांच का भी आदेश दिया है।
बेली रोड पर बिहार लोक सेवा आयोग के कार्यालय के सामने एक खंभे के लिए खुदाई की गई थी। दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण वहां मिट्टी धंस गई है। सड़क के दोनों तरफ की एक-एक लेन के धंस जाने के कारण उसपर यातायात रोक दिया गया है। फिलहाल, उस रास्ते से होकर जाने वाली गाड़ियों को न्यू सचिवालय की तरफ से डायवर्ट किया गया है।
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