मौनी अमावस्याः डुबकी लगाने को गंगा घाटों पर उमड़े श्रद्धालु, मौन होकर स्नान के बाद किया दान
मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को सुबह से पुण्यकाल शुरू होते ही घंटा घडियाल और शंखनाद के बाद मौन डुबकी का सिलसिला शुरू हुआ। पटना से लेकर बक्सर और सिवान में श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
पटना, जेएनएन। मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को सुबह से पुण्यकाल शुरू होते ही घंटा घडियाल और शंखनाद के बाद मौन होकर डुबकी का सिलसिला चला। इस शुभ दिन पर शनि ने अपनी राशि भी बदल दी है। 30 वर्षों के बाद शनि मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ (24 जनवरी 2020)- सुबह 2 बजकर 17 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त (25 जनवरी 2020)- अगले दिन की सुबह 3 बजकर11 मिनट तक
पटना के गंगा घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
इस दिन मौन होकर स्नान-दान करने का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इससे अच्छे स्वास्थ्य औऱ ज्ञान की प्राप्ति होती है। एेसे में पटना के गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जुटान हुआ। दीघा घाट, कृष्णा घाट, कलेक्ट्रेट घाट, एलसीटी घाट, एनआइटी घाट, बांस घाट, गांधी घाट आदि में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु जुटे।
मौन होकर श्रद्धालुओं ने किया स्नान
पटन के साथ बिहार के अन्य जिलों के गंगा घाटों पर लोगों का जुटान हुआ। बक्सर में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए रामरेखा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर पुण्य कमाने पहुंचे। यहां देर शाम तक लोग स्नान करते रहे। वहीं सिवान के गुठनी सरयू घाट पर स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालु उमड़ पड़े थे।
मौनी अमावस्या पर दान का है विशेष महत्व
शास्त्रों के अनुसार हर महीने की अमावस्या तिथि पर दान का महत्व होता है, लेकिन इस बार की मौनी अमावस्या बेहद खास थी। मान्यता है कि इस दिन तिल, तेल, कंबल, कपड़े और धन का दान करना अत्यंत लाभकारी होता है। जिसकी कुंडली में शनि भारी है उनके लिए इन चीजों का दान करने से काफी लाभ होता है।