शहीद पिता के पार्थिव शरीर को देख बेटे ने कहा - पापा अमर रहें..
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में कार्यरत आर्मी के हवलदार शहीद रमेश कुमार का पार्थिव शरीर को जब सेना के जवान मंगलवार को बिक्रम के खोरैठा गांव में उनके घर लेकर पहुंचे तो पूर्व से इंतजार में खड़े स्वजन एवं ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया।
पटना। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में कार्यरत आर्मी के हवलदार शहीद रमेश कुमार का पार्थिव शरीर को जब सेना के जवान मंगलवार को बिक्रम के खोरैठा गांव में उनके घर लेकर पहुंचे, तो पूर्व से इंतजार में खड़े स्वजन एवं ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया। अचानक परिवार में चीत्कार मचने लगा। सबकी आंखें नम हो गई। विदित गो कि जवान की ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब होने से मौत हो गई थी। दानापुर कैंट के बिहार रेजिमेंट से सूबेदार जयप्रकाश कुजुर के नेतृत्व में 13 आर्मी के जवानों के साथ नगर में जैसे ही सेना की गाड़ी पहुंची वैसे ही गांव में लोगों के बीच शोक की लहरें दौर उठी। घर के सामने शहीद रमेश के पार्थिव शरीर को रखा गया। सेना के जवानों ने पहले गार्ड आफ आनर के तहत सलामी दी और पुष्पांजलि अर्पित की। उसके बाद परिवार के सदस्यों एवं गांव के लोगों ने अंतिम दर्शन किया। घर से बाजार तक शहीद की यात्रा निकाली गई, जिसमें भारत माता की जय, वीर रमेश अमर रहें के नारे लगते रहे। जवान के पार्थिव शरीर को दाह संस्कार के लिए दीघा घाट ले जाया गया, जहां बेटे ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी।
पति के पार्थिव शरीर के सामने कांपते हाथों से पम्पी ने दी सलामी-
शहीद रमेश कुमार शर्मा के पार्थिव शरीर के सामने जैसे ही उनकी पत्नी पम्पी देवी को लाया गया, वे बेसुध हो गई। जब होश आया तो उन्होंने अपने कांपते हुए हाथों से पति को अंतिम सलामी दी। बेटा रोते हुए पापा अमर रहें के नारे लगाता रहा। वहीं बूढ़ी मां शहीद बेटे से लिपट कर देर तक बिलखती रही। बड़े भाई दीनानाथ एवं छोटे भाई राकेश, जो सेना के ही जवान हैं, उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि भाई देश की सेवा में शहीद हो गया।