बिहार भाजपा की प्रदेश मंत्री सजल बन सकती हैं महिला आयोग की अध्यक्ष, संगठन में बदल जाएंगे कई चेहरे
बिहार प्रदेश भाजपा में कई पार्टी पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सजल झा बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार को राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह मिल सकती है।
पटना, रमण शुक्ला । सरकार में भाजपा (BJP) का चेहरा बदलने के बाद अब संगठन (oraganization) में भी फेरबदल की तैयारी है। विधानसभा चुनाव (assembly polls) के बाद बदले माहौल में भाजपा को नया सामाजिक समीकरण (social equations) बनाना है। संगठन के कुछ पदाधिकारी राज्य सरकार में मंत्री (Minister in Bihar Govt) बन गए तो कुछ को दूसरी तरह की जिम्मेदारी दी गई है। जाहिर है, संगठन को नए तरीके से व्यवस्थित करना जरूरी है। इसलिए बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
महिला आयोग में जा सकती हैं सजल
बिहार भाजपा में कई अन्य नेताओं के दायित्व में भी फेरबदल की तैयारी है। पार्टी की प्रदेश मंत्री सजल झा (Sajal Jha) को महिला आयोग (Bihar Women Commission) में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इसी तरह स्नेहलता वर्मा (Snehlata Verma) भी महिला आयोग में ओहदा पाने की रेस में शामिल हैं। इन दोनों के अलावा पार्टी और कई कर्मठ कार्यकर्ताओं को संगठन में नए सिरे से तवज्जो देने पर मंथन कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश नेतृत्व में जगह देने की चर्चा है। यही नहीं, राष्ट्रीय कार्यसमिति में भी नंद किशोर यादव (Nand Kishore Yadav) और प्रेम कुमार (Prem Kumar) की जगह नए चेहरे को उभारने और निखारने की तैयारी है।
बिहार भाजपा का यूपी कनेक्शन
बिहार भाजपा में बदलाव का यूपी कनेक्शन भी है। प्रदेश महामंत्री संजीव चौरसिया (Sanjeev Chaurasia) को उत्तर प्रदेश भाजपा का सह प्रभारी बनाया गया है। अपवाद को छोड़कर पार्टी एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत (one person one post) और संविधान को लेकर गंभीर है। संजीव अभी बिहार भाजपा में संगठन महामंत्री भी हैं। इस नाते संजीव के पास बिहार भाजपा के 13 सांगठनिक जिलों की जिम्मेदारी भी है। इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से सक्रिय और जागरूक मतदाताओं वाले प्रदेश के सह प्रभारी भी गत महीने बनाया गया है। ऐसे में संजीव के लिए दोनों जिम्मेदारी की कसौटी पर खरा उतरना आसान नहीं है। उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव है। पार्टी ने संगठन के लिहाज तमाम चुनौतियों को ध्यान में रखकर चौरसिया को उत्तर प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी दी है।
उधर, बिहार में चौरसिया के पास मगध और शाहाबाद क्षेत्र के जिलों की बड़ी चुनौती है। इस क्षेत्र में 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी हार हुई है। इस लिहाज से पार्टी को मगध और शाहाबाद के जिलों में सांगठनिक रूप से और ज्यादा काम करने की जरूरत है। हालांकि पार्टी पहले भी एक व्यक्ति को दो अहम जिम्मेदारी देती रही है। 2018 में बिहार युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहते हुए नितिन नवीन को सिक्किम के राष्ट्रीय प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी। पार्टी ने सिक्किम में 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया।