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पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के गांव मधुबनी में एक करोड़ की लागत से बनेगा मनसा मंदिर

एक करोड़ की लागत से बननेवाले मंदिर की नींव 24 फरवरी को रखी जाएगी। वर्ष 2023 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा । भविष्य में गुरुकुल पुस्तकालय और संतों के लिए भवन का भी निर्माण होगा। पुरी के कुशल कारीगर मंदिर की नक्काशी करेंगे।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 04:20 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:41 PM (IST)
पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के गांव मधुबनी में एक करोड़ की लागत से बनेगा मनसा मंदिर
शंकराचार्य के गांव में ऐसा बनेगा मंदिर। फोटो सौजन्‍य - शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट ।

पटना, जागरण संवादददाता। गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के गांव मधुबनी जिला स्थित हरिपुर बख्शीपोल, कलुआनी में एक करोड़ की लागत से मंदिर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर का भूमि पूजन 24 फरवरी से आरंभ होगा। मंदिर के निर्माण में पुरी के कारीगर आएंगे। जो मंदिर की नक्काशी करेंगे। आषाढ़ कृष्ण त्रयोदशी 2023 शंकराचार्य के जन्म दिवस पर मंदिर का उद्घाटन होगा। जिसके लिए भक्तों के लिए मंदिर का प्रवेश द्वार खोल दिया जाएगा।

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गुरुकुल, पुस्तकालय एवं संग्रहालय का भी होगा निर्माण

मंदिर बनाने का जिम्मा शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है। मनसा देवी मंदिर के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भविष्य में साधु-संतों के लिए संत भवन, बच्चों को मुफ्त वेद शिक्षा देने के लिए गुरुकुल, पुस्तकालय एवं संग्रहालय का भी निर्माण कराया जाएगा। मंदिर का निर्माण 4545 वर्गफुट में होगा। जिसमें 13 फीट लंबाई और 13 फीट की चौड़ाई का गर्भ गृह बनेगा। वहीं मंदिर में आठ फीट का परिक्रमा बनने के साथ मंदिर दो मंजिला बनाने की तैयारी हो रही है।

शंकराचार्य को यहीं सिद्धि मिली

जानकारी के मुताबिक इसी स्थान पर पुरी के शंकराचार्य को सिद्धि मिली थी। बिहार के लिए गौरव की बात है कि बिहारी के मिट्टी से जुड़े संत पुरी के शंकराचार्य होने के साथ देश-दुनिया में धर्म और आध्यात्म का ज्ञान बांटने के साथ सनातन धर्म की रक्षा करने में लगे हैं। पीठ से जुड़े जानकारों की मानें तो शंकराचार्य के गांव में मंदिर निर्माण होना बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। बिहार के धर्म और आध्यात्म को काफी बल मिलेगा। वेद-पुराण का ज्ञान रखने वाले शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती वैदिक गणित के भी प्रकांड विद्वान हैं। उन्होंने वैदिक गणित पर 11 पुस्तकें लिखी हैं। इसके अलावा शंकराचार्य धर्म और आध्यात्म से जुड़े अनसुलझे विषय पर भी प्रकाश डालने के साथ आईआईटी जैसे संस्थान में वैदिक गणित का महत्व छात्रों को बताते रहे हैं। शंकराचार्य का लगाव पटना से भी खूब रहा है। वे समय-समय पर शहर में आकर लोगों को धर्म और आध्यात्म की महत्ता बता रहे हैं।


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