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मांझी ने यह क्या कहा डाला, अपने को नहीं मानते बड़ा नेता, तो कौन है बड़ा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के नेता जीतन राम मांझी अपने को बड़ा नेता नहीं मानते है। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तंज कसते हुए कहा कि वह गरीबों के हितों का ख्याल नहीं कर रहे है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 03:00 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 03:49 PM (IST)
मांझी ने यह क्या कहा डाला, अपने को नहीं मानते बड़ा नेता, तो कौन है बड़ा
मांझी ने यह क्या कहा डाला, अपने को नहीं मानते बड़ा नेता, तो कौन है बड़ा

पटना [जेएनएन]। जब से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ छोड़ा है तब से लेकर आज तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर ही होते रहे है। खास कर राजद के साथ जा मिलने से और भी तीखे बोल बोलते है। कभी शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोसते है तो कभी राजधानी पटना में स्थापित सभ्यता द्वार पर बोलते है। वह कहते है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ दिखावा करते है। सभ्यता द्वार पर तंज कसते हुए कहते है कि लोगों के पास रहने को घर नहीं है और वह है कि सभ्यता द्वार का निर्माण कर गरीबों का पैसा बर्बाद करने पर तुले हुए है।

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जीतनराम माझी ने बुधवार को तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री मानते हुए यहां तक कह डाला कि तेजस्वी यादव कोई छोटे नेता नहीं है। वह तो हम से भी बड़े नेता है। उन्होंने कहा मैं उन्हें बिहार का अगला मुख्यमंत्री मानता हूं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि पटना में पांच करोड़ की लागत से बने सभ्यता द्वार पर कई सवाल खड़े किए। और कहा, सभ्यता द्वार, बापू सभागार म्यूजियम यह सब पैसे की ही तो बर्बादी है। मांझी ने कहा कि कुछ लोग कर्नाटक में सरकार जाने पर वहा से मुंख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। माझी ने शपथ ग्रहण के लिए न्योता न मिलने पर कहा कि नहीं बुलाने पर मुझे कोई शिकायत नहीं है। इस कार्यक्त्रम में तेजस्वी को बुलाना ज्यादा जरूरी था। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी ने कहा कि जिस राज्यय में गरीबी, अशिक्षा और भूखमरी जैसी समस्याएं हैं, वहा इनके निदान की जगह सभ्यता द्वार का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों के साथ मजाक नहीं तो और क्या है। माझी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में लाखों लोग भूमिहीन हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए स्कूल नहीं है। जहा स्कूल है, उसके अपने भवन नहीं है. पेड़ के नीचे पढ़ाई होती है। लोग गरीबी में जी रहे हैं। भूखमरी का शिकार हो रहे हैं। आखिर ऐसे में सभ्यता द्वार किस काम है।


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