वीटीआर के जंगलों की आदमखोर बाघिन ने पटना जू में तोड़ा दम, तीन लोगों को बना चुकी थी शिकार
Patna Zoo Tigress Died पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व की आदमखोर बाघिन ने पकड़े जाने के दूसरे ही दिन पटना के चिड़ियाघर में दम तोड़ दिया। इस बाघिन ने हाल के दिनों में तीन ग्रामीणों को मार डाला था।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व यानी वीटीआर (Valmikinagar Tiger Reserve) की आदमखोर बाघिन (Man-eater Tigress) ने पकड़े जाने के दूसरे ही दिन पटना के चिड़ियाघर (Patna Zoo) में दम तोड़ दिया। इस बाघिन ने हाल के दिनों में तीन ग्रामीणों को मार डाला था। मरने वालों में एक दंपती भी शामिल था, जो रात के वक्त अपने खेत की रखवाली कर रहा था। इस बाघिन को एक दिन पहले ही पटना जू में लाया गया था। बाघिन द्वारा एक के बाद ग्रामीणों को शिकार बनाने के बाद वन विभाग की टीम ने उसे ढूंढकर पटना जू लाई थी।
आबादी वाले इलाके में जाकर बना रही थी लोगों को शिकार
यह बाघिन पिछले कुछ दिनों से जंगल से बाहर निकलकर आबादी वाले इलाकों में जाने लगी थी। इस दौरान इसने तीन लोगों को अपना शिकार बना डाला। गौनाहा थाने के सूर्यपूर परसौनी गांव में 12 फरवरी को रात खेत की रखवाली कर रहे किसान दंपती को इसी बाघिन ने मार डाला था। इस घटना के बाद वन विभाग ने 13 फरवरी को बाघिन की तलाश शुरू की। कड़ी मशक्कत के बाद 18 फरवरी को यह बाघिन वन विभाग को मिली।
काफी बूढ़ी और बीमार होने के कारण गई बाघिन की जान
यह बाघिन काफी बूढ़ी और बीमार हो गई थी। संभवत: यह जंगल में शिकार भी नहीं कर पा रही थी। इसी वजह से बाघिन ने भोजन की तलाश में जंगल से बाहर का रुख किया। वन विभाग को यह बाघिन चोटिल अवस्था में मिली थी। वह एक नाले के पास कीचड़ में फंसी थी। अंदेशा यह जताया जा रहा है कि बाघिन ने कई दिनों से कुछ खाया भी नहीं था। उसके शरीर में कई जगह जख्म के निशान पर थे। वन विभाग की टीम उसे पकड़कर समुचित इलाज के लिए पटना जू लाई थी। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका।