कर्मियों के वेतन के लिए मरीज को बना रहे 'शिकार'
लॉकडाउन में मरीजों की संख्या घटने से बाईपास समेत राजधानी के विभिन्न इलाकों के निजी नर्सिग होम लूट मचा रहे हैं।
पटना। लॉकडाउन में मरीजों की संख्या घटने से बाईपास समेत राजधानी के विभिन्न इलाकों के आवासीय भवनों में बने निजी नर्सिग होम लूटपाट पर उतारू हो गए हैं। इमरजेंसी इलाज के बहाने मरीज के स्वजनों से मनमानी फीस मांग रहे हैं। संचालक अनौपचारिक बातचीत में स्वीकार रहे हैं कि कमाई जीरो हो गई है। कर्मचारियों के वेतन का जुगाड़ करना है। जिलों से गंभीर रोगी भेजने के लिए उन्होंने एजेंटों का कमीशन तक बढ़ा दिया है। इससे इलाज का तीन गुना शुल्क मरीजों के स्वजनों को चुकाने पड़ रहे।
कंकड़बाग निवासी मोहम्मद जफर ने बताया कि भाई के सीने में तेज दर्द था। नजदीकी नर्सिग होम में हालत गंभीर बता डॉक्टरों ने आइसीयू में भर्ती किया। जांच के बाद बताया गया कि तीन वेसल्स ब्लॉक हैं। तत्काल एंजियोप्लास्टी करनी होगी। तीन लाख खर्च आएंगे। पैसे नहीं होने और मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से मदद की आस में आइजीआइसी ले गए। वहां डॉक्टरों ने हृदय संबंधी कोई रोग नहीं होने की बात कही।
हर मरीज आइसीयू में हो रहा भर्ती :
छोटे-मोटे नर्सिग होम की कमाई का सबसे बड़ा साधन आइसीयू यानी 'इंटेंसिव केयर यूनिट' है। आइसीयू के नाम पर हो रही लूट देख कई वरीय चिकित्सक इसे 'इनकम कमिंग यूनिट' कहने लगे हैं। आजकल तो गैस को हार्ट अटैक, सामान्य फ्लू को कोरोना-इंसेफेलाइटिस, इंफेक्शन से सांस लेने में तकलीफ को सीवियर हार्ट अटैक बताकर वसूली की जा रही है। हर उपचार का एक शुल्क तय हो जाए तो रोकथाम हो सकती है। स्वजन यदि जागरूक हो जाएं और सभी पेपर के साथ नेशनल मेडिकल काउंसिल की एथिक्स कमेटी या स्वास्थ्य विभाग में शिकायत पर कार्रवाई का रास्ता निकल सकता है।
डॉ. राजकिशोर चौधरी, सिविल सर्जन पटना
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लॉकडाउन में यहां जाएं इलाज के लिए :
- आइजीआइसी- हृदय रोग के उपचार के लिए। यहां ओपीडी और इमरजेंसी दोनों सेवाएं चल रही हैं।
- आइजीआइएमएस - सभी प्रकार के गंभीर रोगों का उपचार हो रहा है।
- पीएमसीएच : सभी प्रकार के गंभीर रोगों के उपचार के लिए।
- एम्स पटना - किडनी रोग छोड़कर अन्य प्रकार के गंभीर रोगों के लिए।
- प्रसव के लिए पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, कुर्जी, गुरु गोविंद सिंह व सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाएं।