MakeSmallStrong: स्वादिष्ट मिठाई के साथ ही ग्राहकों को दी सुरक्षा तो मिलने लगा भरपूर सहयोग
कोरोना काल में मिठाई व्यवसाय पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था। काफी पहले से फैक्ट्री में ही संक्रमण रहित वातावरण में मिठाइयों को पैक कर उन्हें उपलब्ध कराना शुरूकर दिया गया। लॉकडाउन से छूट के दौरान ग्राहकों के सहयोग से हरिलाल वेंचर्स का उत्साह बढ़ा।
पटना, जेएनएन : कोरोना महामारी का मिठाई व्यवसाय पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। यह रोज खाने, रोज खराब होने वाली चीज है, इसलिए लॉकडाउन के साथ ही रॉ मैटेरियल, अर्द्धनिर्मित उत्पादों को नष्ट करना पड़ा। इससे बहुत बड़ा नुकसान हुआ। इससे शुरुआत में मायूसी का माहौल बन गया था। हालांकि, फिर लॉकडाउन से छूट भी मिली। इससे राहत तो मिली लेकिन सबकुछ आसान नजर नहीं आ रहा था। नये प्रयोग करने पड़े, सुरक्षात्मक उपाय करने पड़े, डिजिटल की राह भी पकड़नी पड़ी, और स्वाद के साथ ग्राहकों को सुरक्षा भी दी गई तो उनका भरोसा बढ़ा।
ग्राहकों के सहयोग से बढ़ा हमारा उत्साह
ग्राहकों ने जब सहयोग करना शुरू किया तो हमारा उत्साह बढ़ा, और कारोबार भी। अब बहुत हद तक कारोबार पटरी पर है। करीब 60 फीसद तक। उम्मीद है कि त्योहारों पर कोरोना के पूर्व समय की तरह कारोबार होने लगेगा। हरिलाल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक अमित कुमार पाण्डेय कहते हैं, अच्छा संयोग यह कि हमारे किसी स्टॉफ को संक्रमण नहीं हुआ।
नए प्रयोग के साथ की गई नई शुरुआत
अमित कुमार कहते हैं, अनलॉक-4 में मिठाई व्यवसाय दोबारा शुरू हुआ। हमारे सामने कई तरह की चुनौतियां थीं। ग्राहकों को स्टोर तक लाना सबसे बड़ी चुनौती थी। उस दौरान हमने यह महसूस किया कि ग्राहक खुली मिठाइयों से परहेज करेंगे। सबके दिल-दिमाग में कोरोना बैठ चुका था। ऐसे में हमने फैक्ट्री में ही संक्रमण रहित वातावरण में मिठाइयों को पैक कर उन्हें उपलब्ध कराना शुरू किया। साथ ही शारीरिक दूरी, हैंड सैनिटाइजर, थर्मल गन, मास्क जैसे सुरक्षात्मक उपाय किए गए। हर स्टॉफ को निर्देश दिया गया कि वे हर दो घंटे के बाद हैंड सैनिटाइज करें। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ा, वे सहयोग करने लगे। कारोबार शून्य से बढ़कर 20 फीसद तक पहुंच गया। दूसरा प्रयोग डिजिटल क्षेत्र में हुआ। ग्राहकों को ऑनलाइन मिठाइयां भेजने की व्यवस्था पर बल दिया गया। जोमैटो से हमारा टाइअप भी है। मिठाई के साथ ही रेस्टोरेंट आइटम की डिलीवरी में तेजी लाई गई। इससे भी व्यवसाय में पांच फीसद तक और वृद्धि हुई।
ग्राहकों की सुविधा के लिए दूर की गई हर मुश्किल :
अमित कुमार कहते हैं, सप्लाई चेन पर भी कोरोना का असर था। कुछ मिलता था, कुछ नहीं मिलता था, कुछ महंगा मिलता था। इसे दूर किया गया ताकि ग्राहकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्हें हर मनपसंद चीज मिल सके। साथ ही हरिलाल मिठाई बाजार का लोकप्रिय ब्रांड है। ग्राहक इसकी शुद्धता पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कोरोना काल में भी भरपूर सहयोग किया। पहले की ही तरह प्रतिष्ठान में पहुंचने लगे। पैकिंग भी कराने लगे। अनलॉक-5 की छूट के बाद बाजार में भीड भी बढ़ी। कामकाज हर क्षेत्र में शुरू हुआ। सूनी सड़कों पर वाहन दौडऩे लगे। इससे भी कारोबार बढ़ा, और यह 60 फीसद तक पहुंच गया। अब संतोषजनक कारोबार होने लगा है, और उम्मीद है कि त्योहरों पर पिछले साल की ही तरह कारोबार होगा। त्योहारों के लिए विशेष तैयारी भी हम कर रहे हैं। ग्राहकों को शुद्धता और सुरक्षा के साथ हर तरह की मिठाइयां, व्यंजन उपलब्ध कराएंगे। उन्हें किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी।
हरिलाल वेंचर्स ने सामाजिक दायित्व का भी किया निर्वाह :
कोरोना काल में हरिलाल वेंचर्स की ओर से सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह किया गया। 25 से 30 हजार फूड पैकेट जरूरतमंदों के बीच बांटे गए। हमलोग स्लम इलाके में भी गए। हमारे स्टॉफ का भी इसमें भरपूर सहयोग रहा। साथ ही हमारे जो भी स्टॉफ थे उन्हें पूरा वेतन दिया गया। जो घर जाना चाहते थे, उन्हें घर पहुंचाया गया। जो यहां रहना चाहते थे, उनके खाने-पीने और रहने की पूरी व्यवस्था की गई।
संघर्ष करने पर जरूर मिलता है परिश्रम का फल
अमित कुमार कहते हैं, समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है। परिश्रम का फल जरूर मिलता है। संघर्ष करते रहना चाहिए। मैंने भी इसी राह पर चलकर अपने को स्थापित किया। वे कहते हैं, मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। मेरी शिक्षा लखनऊ और बनारस में हुई। पिता सुरेंद्र नाथ पांडेय एक्सक्यूटिव इंजीनियर थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं जॉब के लिए दिल्ली गया। डोमिनोज से जुड़ा, फिर बीकानेर वाला, हल्दीराम ब्रांड से जुड़ प्रशासनिक स्तर पर कार्य किया। पिछले डेढ़ साल से हरिलाल ब्रांड से जुड़ा हूं। आगे भी जुड़े रहने का इरादा है। हरिलाल अब फ्रेंचाइची की राह भी चल रहा है। उम्मीद है कि इस दिशा में भी संस्थान को बड़ी कामयाबी मिलेगी।