बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने कहा-लज्जित हुआ आज सदन, विधायकों ने की हाथापाई, तेजस्वी के भाषण पर भड़का आक्रोश
तेजस्वी यादव की बातों से सत्ता पक्ष के विधायक भड़क गए। बात इतनी बढ़ी कि एक-दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया। इसके बाद हाथापाई तक हो गई। मार्शल ने विधायकों को अलग किया। स्पीकर ने कहा- सदन आज लज्जित हुआ।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। शनिवार ( 13 मार्च ) सुबह से ही भू एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय से इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्ष ने पहले तो सदन में फिर विधानमंडल परिसर में जबरदस्त हंगामा किया। विधान सभा अध्यक्ष के चैंबर के बाहर भी मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर खूब नारेबाजी हुई। विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजभवन मार्च किया।
मामला अभी गरम ही था कि दूसरी पाली में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अचानक फिर से शराबबंदी और मंत्री रामसूरत पर बात शुरू की। इस पर टोकाटोकी शुरू हो गई। उप मुख्यमंत्री तारकशिोर प्रसाद ने गुस्से में तेजस्वी यादव को मुद्दे पर बात करने को कहा। कहा कि जो बात बिजनेस में नहीं, उसपर चर्चा कैसे होगी? आसन को नियमन देना चाहिए। इसपर तेजस्वी ने उप मुख्यमंत्री की तरफ देखकर कह दिया कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है। मगर उप मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं होता है। आसन ने हमें बोलने का समय दिया है, हमें हक है। इसपर सत्ता रूढ दल के विधायक भड़क गए। भाजपा नेता व मंत्री संजय सरावगी और जनक सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई। इस बीच आज सदन में पहले दिन पहुंचे तेजस्वी के बड़े भाई व विधायक तेज प्रताप यादव सत्ता रूढ़ दलों के बेंच की ओर इशारा करके कुछ बोल रहे थे।
दीवार बनकर खड़े हो गए मार्शल
इधर, तेजस्वी बोलते जा रहे थे। उन्होंने कह दिया कि मेरे मुंह खोलते ही सत्तारूढ़ दल कांपने लगता है। जिससे दोनों तरह के विधायक आमने-सामने आ गए। पक्ष विपक्ष के विधायक बाहें चढ़ाकर सदन के बीचोबीच आ गए। असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए भिड़ गए। कुछ विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा की माइक तोडऩे की कोशिश की। उधर जनक सिंह अपनी ही माइक तोडऩे की कोशिश करते नजर आए।
देखते-ही देखते मिनटों में बवाल मच गया। बात इतनी बढ़ी कि मार्शल दीवार बनकर खड़े हो गए। उन्होंने विधायकों को अलग किया।
मार्शल ने विधायकों को अलग किया। कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी आक्रोश व्यक्त करते सदस्य।
जो हुआ नहीं होना चाहिए
विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मौके की नजाकत को देखते हुए तुरंत ही कार्यवाही दोपहर 3.30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगन के बाद भी सदन में विपक्षी दल नारेबाजी करते रहे। अध्यक्ष ने सख्त और गंभीर लहजे में कहा जो आज विधान सभा में हुआ वो नहीं होना चाहिए । विधान सभा की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। गुस्से में कहा कि कार्यवाही में इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि फिर कभी इस तरह की नौबत आई तो कड़ी कार्रवाई करूंगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष मर्यादा का ख्याल रखें। आज जो हुआ सदन उससे लज्जित हुआ है।
राजभवन किया मार्च
दूसरी पाली के पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने राजभवन तक मार्च निकाला था। इस दौरान तेजस्वी बेहद आक्रामक रहे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार विधानसभा में बात रखने नहीं दे रही है। अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा जेडीयू और बीजेपी का दफ्तर हो गया है। हमारी बात कोई नहीे सुन रहा है। मार्च के बाद विपक्ष फिर विधान सभा में लौटा था। स्वास्थ्य विभाग के बजट के दौरान नेता प्रतिपक्ष के विषय से अलग हटकर बात करने पर हंगामा खड़ा हो गया।
बीजेपी और सीएम नीतीश की साजिश
हंगामा करने के बाद तेजस्वी सदन से बाहर परिसर में फिर मीडिया से मुखातिब हुए । कहा हम सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाए थे। बिना सुने ही कैंसिल कर दिया गया। हमें जो समय दिया गया उसमें भी सत्तारूढ़ दल के विधायक मुझे बोलने नहीं दे रहे थे। यह बीजेपी की अपने मंत्री को बचाने की रणनीति है। उनके मंत्री बुरी तरह फंस चुके हैं। मेरे पास सुबूत है। लेकिन उसे विधान सभा में रखने नहीं दिया जा रहा है। सरकार में डर है। उन्होंने सीएम पर भी साजिश का आरोप लगाया। पूछा- आखिर सीएम नीतीश कुमार सुबह से ही सदन से गायब क्यों हैं? बीजेपी के लोग लोकतांत्रिक ढंग से सदन चलने नहीं देना चाहते । अंत में कहा कि हम आज की घटना को खेदजनक मानते हैं। साथ में सत्तारूढ़ दल से आग्रह भी कर रहे हैं कि वे विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश न करें।
मान-हानि का मुकदमा की चेतावनी
बता दें कि तेजस्वी लगातार मंत्री रामसूरत राय के भाई के मुजफ्फरपुर के बोचहां स्थित स्कूल में शराब की खेप बरामद होने के मामले पर सत्ता पक्ष को घेर रहे थे। वे मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। अब मंत्री ने कहा है कि मैंने इस विषय पर जवाब भी दे दिया। फिर भी तेजस्वी यादव बेवजह इसमें मेरा नाम घसीट रहे हैं। तेजस्वी दो दिन के अंदर माफी मांगे वर्ना वे मान-हानि का मुकदमा करेंगे।
पक्ष-विपक्ष आहत
सदन की कार्यवाही जब फिर से शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने घटना की निन्दा की। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष के नेता की बातों (उप मुख्यमंत्री का पद संविधानिक नहीं है।) का खंडन नहीं कर रहे हैं। लेकिन, सभी सदस्यों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि जनता उन्हें किन उम्मीदों से सदन में भेजती है। हम सब की कोशिश होनी चाहिए कि सदन में दोबारा ऐसी घटना नहीं हो। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी कोशिश होगी कि सत्तापक्ष के सदस्य उत्तेजना फैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल न करें। विपक्ष भी सरकार का ही अंग है। सबके संतुलित व्यवहार से ही सदन का संचालन हो सकता है। आज की घटना से सभी पक्ष आहत हैं।