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Bihar Election 2020: बिहार निर्वाचन आयोग की बड़ी कार्रवाई , मूर्ति विसर्जन फायरिंग मामले में मुंगेर डीएम व एसपी को हटाया

निर्वाचन आयोग ने एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब की। खुफिया रिपोर्ट के बाद भी लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को हटाया गया। आज ही नए डीएम और एसपी नियुक्‍त करने का निर्देश दिया। जानिए पूरा मामला ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 02:18 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 03:52 PM (IST)
Bihar Election 2020: बिहार निर्वाचन आयोग की बड़ी कार्रवाई , मूर्ति विसर्जन फायरिंग मामले में मुंगेर डीएम व एसपी को हटाया
आयोग का चला डंडा, भारत निर्वाचन आयोग की सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, जेएनएन ।  बिहार में  निर्वाचन आयोग का डंडा चला है। चुनाव आयोग ने मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मुंगेर के ताजा हालात को देखते हुए दोनों अधिकारियों को हटा दिया गया है। आयोग ने प्रमंडलीय आयुक्त असंगवा चुबा आव को सात दिनों में पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। दोनों पदों पर नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है।

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फायरिंग में एक युवक की मौत हुई थी

26 अक्टूबर को मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान विसर्जन में शामिल लोगों और पुलिस में झड़प हुई थी। फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी। चुनाव संपन्न होने के साथ ही मुंगेर में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक और जिला प्रशासन के खिलाफ लोग सड़क पर उतर गए। पुलिस अधीक्षक की गाड़ी और कार्यालय पर आक्रोशित लोगों ने जमकर पथराव किया। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि मुंगेर में स्थिति नियंत्रण में है। स्थानीय लोगों से पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारी संपर्क में हैं। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। किसी तरह के अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

चुनाव आयोग की टीम ने लिया था जायजा

चुनाव आयोग की टीम ने लिया था जायजा- घटना के दूसरे दिन 27 अक्टूबर को चुनाव आयोग की तीन सदस्यीय टीम स्थिति की जायजा के लिए हेलीकॉप्टर से मुंगेर पहुंची थी। इसमें अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह, एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार व एडीजी विधि-व्यवस्था अमित कुमार शामिल थे। सूत्रों की मानें तो टीम ने जांच में पाया कि इस तरह की घटना की आशंका खुफिया सूत्रों ने जाहिर की थी। बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन ने जरूरी कदम नहीं उठाए थे। भीड़ में कुछ असमाजिक तत्व मौजूद थे। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फायरिंग की।


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