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बिहार में CAB पर महासंग्राम जारी... अब युवा राजद ने जदयू का संविधान जलाकर किया हवन

बिहार में नागरिकता संशोधन विधेयक पर महासंग्राम जारी है। अब युवा राजद ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और जदयू के संविधान को जलाया। इसके पहले राजद ने संविधान को फाड़ा था।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 10:30 PM (IST)
बिहार में CAB पर महासंग्राम जारी... अब युवा राजद ने जदयू का संविधान जलाकर किया हवन
बिहार में CAB पर महासंग्राम जारी... अब युवा राजद ने जदयू का संविधान जलाकर किया हवन

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में नागरिकता संशोधन विधेयक पर महासंग्राम जारी है। अब युवा राजद ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। शनिवार को युवा राजद ने प्रदर्शन के साथ ही जनता दल यू के संविधान को जलाकर हवन किया। बता दें कि इसके पहले राजद ने पटना स्थित अपने कार्यालय में जदयू के संविधान को फाड़ा था। इतना ही नहीं, बयानबाजी भी तेज है। इस बाबत राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक के वापस लेने तक लड़ता रहेगा।

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नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ युवा राजद ने राजधानी पटना में शनिवार को जदयू का संविधान जलाया। राजद कार्यकर्ताओं ने केंद्र-राज्य सरकार के विरोध में नारे भी लगाए। युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष मो. कारी सोहैब एवं प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार यादव के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या कार्यकर्ता जदयू कार्यालय के सामने सुबह दस बजे एकत्र हो गए। संशोधित कानून को वापस लेने की मांग करने लगे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जदयू के संविधान की प्रतियां भी जलाईं और उसका हवन किया। 

राजद नेताओं ने कहा कि अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आंदोलन और तेज होगा। कारी सोहैब ने कहा कि नीतीश कुमार एक तरफ जदयू के संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात करते और दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन बिल को संसद में समर्थन भी दिया। यह संविधान और लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है। साथ ही गांधी और लोहिया के विचारों के खिलाफ भी है।

अरुण कुमार यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। मौके पर युवा राजद के कार्यकारी अध्यक्ष रामराज कुमार, पटना जिला युवा राजद अध्यक्ष सतीश चंद्रवंशी, विकास श्रीवास्तव, विमलेश यादव, अजीत कुशवाहा, शिवराज कुमार, मो. इसराइल मंसूरी, पप्पू यादव, राजन पासवान, अवनीश कुमार, ओमप्रकाश चौटाला, जेम्स कुमार आदि मौजूद थे। 

गौरतलब है कि राजद भी नागरिक संशोधन विधेयक के विरोध में लगातार हमलावर बना हुअा है। खास बात कि राजद के निशाने पर भाजपा से ज्‍यादा नीतीश कुमार हैं। शुक्रवार को राजद ने अपने पटना स्थित कार्यालय में जदयू के संविधान को फाड़ा था और कैब-एनआरसी का विरोध किया था। शनिवार को राजद से एक कदम आगे जाकर युवा राजद ने जदयू के संविधान को जला दिया। 

उधर, राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने तक राजद लड़ेगा। यह विधेयक धर्मनिरपेक्ष और कमजोर लोगों के खिलाफ है। उन्‍हाेंने कहा कि कैब और एनआरसी के खिलाफ राजद की ओर से 21 दिसंबर को बुलाया गया बिहार बंद ऐतिहासिक होगा। उन्होंने आम लोगों से इस बंद को सफल बनाने की अपील की है। उन्‍होंने कहा कि यह विधेयक संविधान और भारतीय परंपरा के विरुद्ध है। इसका एकमात्र उद्देश्य बांटो और राज्य करो है। यह कमजोर लोगों के साथ साजिश भी है। धर्म के आधार पर किसी को भारत की नागरिकता नहीं दी जा सकती है।

जगदानंद सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन और एनआरसी दोनों मिलकर एक ऐसी व्यवस्था को जन्म देंगे जो बड़ी संख्या में एक समुदाय और गरीब, कमजोर लोगों को गुलाम बना देगी। धर्म के नाम पर लोगों को नागरिकता देने का सपना न गांधी का था, न अंब़ेडकर का। न नेहरू, न लोहिया और न ही कर्पूरी ठाकुर ने ऐसा सोचा था। ऐसा सपना सिर्फ जिन्ना, सावरकर, गोलवलकर और गोडसे ने देखा था, जिन्हें वर्तमान सरकार भारत रत्न देना चाहती है। राजद नेता ने कहा कि यह देश नियम-कानून और संविधान से चलेगा, न कि आरएसएस के विधान से। राजद नेता ने कहा कि जदयू ने अपने सिद्धांत और विचार को बेच दिया है। इसका चरित्र अब सांप्रदायिक हो गया है। 


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