आदिनाथ अखाड़ा में शीलनाथ जी महाराज का हुआ अभिषेक, नाथ संप्रदाय का बड़ा आश्रम है बिहार के बक्सर में
श्रीनाथ मंदिर परिसर में 17 मई से ही नाथबाबा की समाधि स्थापित करने के बाद नित्य प्रतिदिन पूजा अर्चना तथा मंत्रोच्चार का कार्यक्रम चल रहा था। प्रतिदिन 24 घंटे पंचाक्षर मंत्र जाप यज्ञ और हवन आदि के साथ नील सूक्त एवं ग्यारह श्रृंगी द्वारा रुद्राभिषेक का कार्यक्रम चल रहा था।
बक्सर, जागरण संवाददाता। Siddhashram Buxar News: उत्तरायणी गंगा के तट पर बसे और मिनी काशी के नाम से विख्यात बक्सर में 17 मई से ही श्रीनाथ मंदिर में नाथबाबा की समाधि पर चल रहे अभिषेक की आज भव्य पूर्णाहूति के साथ ही महाभंडारा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर योगी श्री शीलनाथ जी को नाथ संप्रदाय की गद्दी पर विधि-विधान के साथ प्रतिष्ठित किया गया। इसकी जानकारी देते नाथबाबा के प्रिय शिष्य रामेश्वरनाथ ने बताया कि श्रीनाथ मंदिर परिसर में 17 मई से ही नाथबाबा की समाधि स्थापित करने के बाद नित्य प्रतिदिन पूजा अर्चना तथा मंत्रोच्चार का कार्यक्रम चल रहा था।
12 दिन से चल रहा था पंचाक्षर का जाप
उन्होंने बताया कि नाथ परंपरा के अनुसार प्रतिदिन 24 घंटे पंचाक्षर मंत्र जाप, यज्ञ और हवन आदि के साथ नील सूक्त एवं ग्यारह श्रृंगी द्वारा रुद्राभिषेक का कार्यक्रम चल रहा था। इसके तहत तीसरे दिन त्रिचक्र पूजा के तहत तीन प्रकार के पुष्प, छठे दिन ष्टचक्र पूजा के साथ छह प्रकार के पुष्प तथा नवें दिन नौ प्रकार के पुष्पों के साथ नवनाथ पूजा संपन्न की गई। ग्यारहवें दिन 1100 कमल पुष्प, बिल्वपत्र, सन्नी पत्र, सनी पुष्प, कनेर पुष्प, मंदार पुष्प आदि के द्वारा पूजन किया गया।
हवन के साथ हुई यज्ञ की पूर्णाहुति
शुक्रवार को बारहवें दिन हवन के साथ यज्ञ की पूर्णाहुति और गुरुगद्दी पूजन के साथ सभी मंदिरों में दीप प्रज्जवलित कर भोग लगाया गया। इसके बाद महामंडलेश्वर योगी शीलनाथ महाराज को नाथ संप्रदाय की परंपरा के अनुसार आदिनाथ पीठाधीश्वर के पद पर पूरे विधि विधान के साथ प्रतिष्ठित किया गया। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भंडारा के तहत प्रसाद का वितरण किया गया।
बाबा की समाधि पर चढ़ाई गई चादर
विगत 12 दिनों से श्रीनाथ मंदिर में नाथबाबा की समाधि पर आयोजित अभिषेक की शुक्रवार को पूर्णाहुति के साथ ही परंपरा के अनुसार गद्दी पूजन और मंदिरों में दीप जलाने के साथ बाबा की समाधि पर चादर चढ़ाई गई। बताते चलें कि नाथ संप्रदाय के पीठाधीश्वर श्रीनाथ बाबा के विगत 17 अप्रैल को हरिद्वार में ब्रह्मलीन हो जाने के एक महीने बाद 17 मई को बक्सर श्रीनाथ मंदिर परिसर में पूरे विधि विधान के साथ बाबा की समाधि बनाई गई, तथा समाधि पर तभी से लगातार अनुष्ठान और पूजन आदि 24 घंटे आयोजित किए जा रहे थे।