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LPG Cylinder Expiry Date: गैस सिलेंडर की भी होती है एक्सपायरी डेट, ऐसे करें चेक; जरा सी चूक और जान जाने का खतरा

आपने अक्सर गौर किया होगा कि किसी भी खाने-पीने के सामान की अपनी एक एक्सपायरी डेट होती है। एक्सपायरी डेट का मतलब होता है कि यह समान खराब हो गया है या इस्तेमाल करने के लायक नहीं है। इस तरह के सामानों का इस्तेमाल करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। खाने-पीने के सामान की तरह एलपीजी गैस सिलेंडर का भी अपना एक्सपायरी डेट होती है।

By Nalini Ranjan Edited By: Mohit Tripathi Published: Fri, 26 Apr 2024 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2024 09:18 PM (IST)
गैस सिलेंडर की भी होती है एक्सपायरी डेट।

जागरण संवाददाता, पटना। रसोई गैस सिलेंडर लेते समय एक्सपायरी जरूर देखें। इससे किसी प्रकार की असामयिक घटनाओं की रोकथाम किया जा सकता है। गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जानना बहुत आसान है। हर सिलेंडर के ऊपरी हिस्से पर यानी रेगुलेटर के पास बड़े अक्षरों में एक कोड लिखा होता है।

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यह कोड अंग्रेजी के ए, बी, सी एवं डी के रूप में लिखा होता है, इसके अतिरिक्त अक्षर के रूप में वर्ष अंकित रहता है। यदि आपके सिलेंडर पर बी-25 लिखा है तो यह सिलेंडर वर्ष 2025 के अप्रैल से जून तक के लिए उपयोगी है।

आयल कंपनी से जुड़े अधिकारियों के अनुसार नया सिलेंडर सात साल के बाद और पुराना पांच वर्ष के बाद टेस्टिंग के लिए जाता है। हर सिलेंडर पर एबीसीडी के साथ ईयर लिखा होता है।

इससे यह तय रहता है कि सिलेंडर तब तक ठीक है। इस समय के बाद दोबारा चेकअप किया जाता है। इसके सर्कुलेशन से हटाकर टेस्टिंग से हटाते हुए जांच के लिए भेज दिया जाता है।

सुरक्षित है कंपोजिट सिलेंडर

वर्तमान में इंडियन आयल की ओर से कंपोजिट सिलिंडर लांच किया गया है। यह सिलिंडर पूरी तरह सुरक्षित है। यह कही आग लगने के चपेट में भी आता है तो फटता नहीं है। यह जल कर खुद खत्म हो जाती है।

आयल कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, यह सिलिंडर तीन लेयर में बना होता है। यह फटता नहीं है। यह अंदर से पिघल जाता और गैस इससे सामान्य रूप से जलकर खत्म हो जाते है।

50 केजी वर्ग सेंटीमीटर तक ही प्रेशर झेल पाता है रसोई गैस

कंपनी के अधिकारी के अनुसार सिलिंडर स्टील बाडी होता है। यह गर्म होने के कारण नहीं फटता, बल्कि यह गर्म होने के बाद अधिक प्रेशर बढ़ाने लगता है।

एक सामान्य सिलिंडर 50 केजी वर्ग सेंटीमीटर तक प्रेशर झेल सकता है। इससे अधिक जब भी प्रेशर बढ़ेगा, तो यह कभी भी ब्लास्ट हो सकता है।

लीकेज मामले में ही मिलता है इंश्योरेंस

आयल कंपनी के प्रतिनिधि के अनुसार कही भी सिलिंडर फटने की घटना होता है तो इसमें केवल सिलिंडर के लीकेज से होने वाली घटना को लेकर ही इंश्योरेंस क्लेम दिया जाता है। आयल कंपनियों की ओर से ही गैस लीकेज का इंश्योरेंस होता है। इसमें पहले आयल कंपनियां जांच करती है। इसके बाद इस केस को इंश्योरेंस कंपनी को रेफर किया जाता है।

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